परम पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक षष्ट पट्टाचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज की समाधि के पश्चात उनके शिष्य मुनि श्री ज्ञेयसागर जी महाराज को आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के समस्त साधुओं की सहमति से उनका उत्तराधिकारी घोषित कर श्री ज्ञेयसागर जी महाराज को सप्तम पट्टाचार्य से विभूषित किया गया था ।
ज्ञानतीर्थ मुरेना में 01 फरवरी से 06 फरवरी तक होने जा रहे श्री पंचकल्याणक महोत्सव के निमित्त आचार्य श्री ज्ञेयसागर जी का मुरेना आगमन हो रहा है । महोत्सव की समस्त धार्मिक क्रियाएं पूज्य आचार्य श्री के सानिध्य में ही सम्पन्न होंगी ।
श्री ज्ञानतीर्थ पर विराजमान बाल ब्रह्मचारिणी बहिन ललिता दीदी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पूज्य गुरुदेव सप्तम पट्टाचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज ससंघ निरन्तर पद विहार करते हुए लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय करके मुरेना की ओर बढ़ रहे हैं । ज्ञानतीर्थ क्षेत्र मुरेना में पूज्य गुरुदेव का भव्य मंगल प्रवेश शुक्रवार 06 जनवरी को प्रातः 09 बजे होने जा रहा है ।
जैन समाज मुरेना साधर्मी बन्धु एवं ज्ञानतीर्थ महाआराधक परिवार घड़ियाल केंद्र देवरी पहुँचकर आचार्य संघ की अगवानी करेंगे । घड़ियाल केंद्र से बैंड बाजों के साथ भव्य शोभायात्रा के साथ पूज्य गुरुदेव का ज्ञानतीर्थ में प्रवेश होगा । मंगल प्रवेश के समय सौभाग्यवती महिलाएं सिर पर मंगल कलश रखकर, रंगोली एवं चौक बनाकर आचार्य संघ की आरती उतारेंगीं ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु अनेकों साधुओं-साध्वियों के आने की संभावना है । महोत्सव हेतु अनेकों साधुओं का विहार ज्ञानतीर्थ मुरेना के लिए चल रहा है । सर्वप्रथम पूज्य गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी का आगमन हुआ । अब आचार्य श्री ज्ञेयसागर जी का मंगल प्रवेश हो रहा है ।
आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज की अंतिम दीक्षित शिष्या परम् पूज्य गणिनी आर्यिका आर्षमति माताजी ससंघ के भी शीघ्र आगमन की संभावना व्यक्त की जा रही है ।
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