मुनि श्री सम्मेद शिखरजी मसले को लेकर 25-12-2022 से वे आमरण अनशन पर थे । मुनि श्री 108 सुज्ञेय सागर जी ने पंचपरमेष्ठी का ध्यान करते हुए आज सुबह 6 बजे देह त्याग दिया । झारखंड सरकार के फैसले के बाद सुज्ञेयसागर सांगानेर में 25 दिसंबर से अनशन कर रहे थे ।
मंगलवार सुबह उनकी डोल यात्रा सांगानेर संघीजी मंदिर से निकाली गई। इस दौरान आचार्य सुनील सागर सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। जैन मुनि को जयपुर के सांगानेर में समाधि दी गई।
जानिए समाधिस्थ मुनिराज का जीवन चरित
सांसारिक पिता पृथ्वीराज खेडावत और मां भुरी देवी के यहां सलुंबर के में झल्लारा क्षेत्र में कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी के दिन 11-11-1949 में मुनिराज का जन्म हुआ । नवीं तक लौकिक शिक्षा हासिल कर आप धार्मिक शिक्षा में चौथे भाग तक शिक्षित हुए ।
भिवंडी में निर्भर सागर जी, पूर्ण सुनील सागर जी के सानिध्य में आप धार्मिक कार्य-कलापों में लीन रहे । गिरिनार जी के प्रथम टोंक में आपकी क्षुल्लक दीक्षा हुई, मुनि दीक्षा ,मोहन कॉलोनी, बांसवाड़ा में हुई । चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज के सानिध्य में संघस्थ आचार्य रहे ।
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