राजेश जैन दद्दू \ क्या आप जानते हैं कि जैन समुदाय भारत की आबादी में 0.4% से भी कम है और भारत में सबसे ज्यादा 24 % टैक्स जैन समुदाय देता है। भारत की 28 % सम्पत्ति के मालिक जैन हैं। जैन समुदाय की साक्षरता दर 94% है, शेयर मार्केट के 46 % दलाल जैन समुदाय से हैं। ये सब इसलिए संभव है क्योंकि जैन समाज का जीवन, जैन समाज की दिनचर्या, जैन समाज की जीवनशैली एक निर्दोष जीवन शैली है। दान देने में सबसे अग्रणी और अपने धर्म के प्रति पूर्ण समर्पणभाव के कारण ये सब संपत्ति के मालिक जैन समुदाय से जुड़े लोग हैं।
धर्म के समर्पण भाव तो बहुत दिखाते हैं,परंतु जब धर्म बचाने के लिए धरातल पर आना होता है, तब इकट्ठा नहीं हो पाते। अब सम्मेद शिखर पर्वत को बचाने के लिये आगे आने वालों की आवश्यकता है। चक्रवर्ती भी सर्वश्रेष्ठ वैभव के ऊपर होते हुए भी जब तीर्थंकरों की भक्ति करते हैं और अतुल वैभव लुटाने को आतुर होते हैं। ऐसे में आज सब कुछ छोड़कर उन तीर्थंकरों की भूमि को बचाने के लिये आगे आने की आवश्यकता है। सम्मेद शिखर पर्वत पर जाएं तो सब भोगों को छोड़कर जाएं।