सांस्कृतिक कार्यक्रम में
अंतिम केवली जम्बू स्वामी नृत्य नाटिका की हुई प्रस्तुति-
शनिवार को कार्यकर्ताओं का होगा सम्मान
जयपुर/ श्री महावीरजी – -चांदनपुर वाले बाबा के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध भूगर्भ से प्रकटित भगवान महावीर की मूंगावर्णी अतिशयकारी प्रतिमा के महामस्तकाभिषेक महोत्सव में छटे दिन शुक्रवार को समाचार जगत परिवार , जयपुर सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के साथ महामस्तकाभिषेक किये।
इस मौके पर मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठा। महामस्तकाभिषेक महोत्सव का 4 दिसंबर को समापन होगा।इस दौरान पुण्यार्जक श्रद्धालुओं एवं इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा 2651 कलशों से भगवान का महामस्तकाभिषेक किया जाएगा।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि शुक्रवार को टीले से निकली अतिशयकारी 1 हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की मूंगावर्णी मूलनायक प्रतिमा के कंचीमन चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने वर्धमान कलश के माध्यम से प्रथम महामस्तकाभिषेक किये। नवरत्न कलश के माध्यम से समाजश्रेष्ठी रुप चन्द कटारिया एवं परिवारजनों द्वारा द्वितीय कलश, स्वर्ण कलश के माध्यम से झूमर मल पाटनी, किशोर सरावगी, संजय जैन आदि ने महामस्तकाभिषेक किये।
एवं महोत्सव समिति से जुड़े हुए समाचार जगत जयपुर परिवार से सम्पादक शैलेन्द्र गोधा, धीरेन्द्र गोधा,दिविक गोधा,दीन दयाल पाटनी,रवि पाटनी, मनीष पाटनी,संयम पाटनी एवं परिवारजनों सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर के जयकारों से महामस्तकाभिषेक किये ।
चरण छतरी के नजदीक नव प्रतिष्ठित 24फुट 1इंच की उतंग खड्गासन बिजोलिया पत्थर से निर्मित भगवान महावीर की प्रतिमा के सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा जयकारों के बीच मंत्रोच्चार के साथ महामस्तकाभिषेक किये गये।
आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में शुक्रवार को प्रातः 8.15 बजे से हुए महामस्तकाभिषेक भगवान महावीर स्वामी की भूगर्भ से प्रकटित मूंगावर्णी मूलनायक प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक करने हेतु श्रद्धालु नाचते गाते शुद्ध पीत वस्त्र धारण कर बैण्ड बाजों के साथ विशाल जुलूस के रूप में मुख्य मंदिर पहुंचे।
इस मौके पर पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। कार्याध्यक्ष विवेक काला एवं मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन के मुताबिक लगभग 340 कलशों से पुण्यार्जक परिवारों के सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा छटे दिन जयकारों के बीच मंत्रोच्चार से महामस्तकाभिषेक किये गये।
महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक शांतिधारा पुण्यार्जक परिवार द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए भगवान के सिर पर शांतिधारा की गई।
महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि शुक्रवार,2 दिसम्बर को प्रातः 8.15 बजे से सायं 4.15 बजे तक भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ। भगवान महावीर की मूंगावर्णी अतिशयकारी प्रतिमा का 4 दिसम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 8.15 बजे से सायं 4.15 बजे तक महामस्तकाभिषेक होगा।
रविवार, चार दिसम्बर को चरण छतरी क्षेत्र में नव प्रतिष्ठित भगवान महावीर की 24 फीट उतंग खड्गासन प्रतिमा के आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में पंचामृत अभिषेक होगे।
दोपहर बाद पाण्डाल से विशाल रथयात्रा निकाली जाएगी जिसमें श्री जी विराजमान होंगे। रथयात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए मुख्य मंदिर पहुंचेगी जहां श्री जी को जयकारों के बीच वेदी में विराजमान किया जाएगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य नाटिका में अन्तिम केवली जम्बू स्वामी के जीवन चरित्र को बताया —
अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शुक्रवार को श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति सांगानेर सम्भाग के तत्वावधान में रात्रि 8.00 बजे से अन्तिम केवली जम्बू स्वामी नृत्य नाटिका की भव्य प्रस्तुति दी गई। जयपुर के राहुल सिंघल के निर्देशन में आयोजित इस नृत्य नाटिका में सम्भाग अध्यक्ष अंजना जैन सहित 20 से अधिक महिला कलाकारों द्वारा किरदार निभाया गया। नाटिका में बताया गया है राजकुमार जम्बू स्वामी ने विवाह के दूसरे दिन ही चारों पत्नियों व अन्य लोगों के साथ वैराग्य धारण कर लिया। तथा तपस्या करने के लिए वन को चले गए।
मंदिर दर्शन का समय —-
श्री जैन ने बताया कि दर्शनार्थियों के लिए मुख्य मंदिर दर्शन प्रातः 5.00 बजे से 7.00 बजे तक तथा सायंकाल 6.00 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक हो सकेंगे। मंदिर के नीचे स्थापित ध्यान केन्द्र की प्रतिमाओं के दर्शन प्रातः 8.00 बजे से रात्रि 9.00 बजे तक हो सकेंगे। महोत्सव के दौरान श्री वीर सेवक मण्डल जयपुर एवं जैन बैंकर्स फारम के 150 से अधिक सेवाभावी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी सेवाएं दी जा रही है। महोत्सव में राजस्थान सहित पूरे विश्व से श्रद्धालुओं का ताता भगवान महावीर के दर्शन करने हेतु उमड़ रहा है। महोत्सव समिति द्वारा श्रद्धालुओं एवं यात्रियों के लिए भोजन,आवास सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है।