कालानी नगर के त्रिमूर्ति जैन मंदिर परिसर में मुनिश्री प्रमाण सागरजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया। अपने प्रवचन के माध्यम से उन्होंने समाजजनों को संयम, सादगी और सहनशीलता रखने का संदेश दिया। इस अवसर पर मुनिश्री निर्वेग सागर जी ने भी संबोधित किया। धर्मसभा के उपरांत मुनिसंघ ने आदिनाथ बाग रामचंद्रनगर की ओर विहार किया। पढ़िए इंदौर से यह खबर…
इंदौर। कालानी नगर त्रिमूर्ति दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में मुनि श्री प्रमाणसागर जी ने अपनी मंगल देशना में कहा कि दीर्घकालिक सुख के लिए अल्पकालिक सुख को त्यागना पड़ता है। जिन बातों से अप्रसन्नता होती है। उन बातों को नजरअंदाज करो। थोड़ा सा सह लोगे तो आप सुखी रह सकते हो। सुखी और संपन्न होंने के लिए उन बातों को इग्नोर करो, जो आपको असहज करती है। जितना सहजता से जिओगे अपने आपको सुखी महसूस करोगे। यह उद्गार मुनिश्री प्रमाणसागरजी महाराज ने कालानी नगर व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि ‘धैर्य रखो और त्वरित प्रक्रिया से बचो’ चवन्नी खोजने में अठन्नी का तेल मत जलाओ। छोटी-मोटी बातों को नजरअंदाज करोगे तो आपके संबंध कभी खराब नहीं होंगे।
मुनिश्री ने दिया उद्योगपति बिड़ला का उदाहरण
मुनिश्री ने प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि एक दिन वह अपनी ओरियंटल पेपर मिल में पहुंचे तो लोगों ने कहा कि आपकी इस फैक्ट्री में बहूत अनिमियताएं हैं तो उन्होंने सबकी बात सुनीं और कहा कि मेरी 200 फैक्ट्री है मैं कहां-कहां देखूंगा? मैं तो फाइनल बैलेंस सीट को देखता हूं। यदि कंपनी ग्रोथ कर रही है तो मैं छोटी-मोटी बातों को नजरअंदाज कर देता हूं।
पॉजिटिव सोच सफल करती है
मुनि श्री ने कहा कि घर हो या दुकान अथवा आंफिस यदि आपका घर से ही मूड खराब करके जाओगे तो क्या आपका दिन अच्छा निकल सकता है? जीवन को यदि आनंद से भरना चाहते हो उन बातों को इग्नोर करोगे तो आपके सभी काम हो जाएंगे। मुनिश्री ने कहा कि जो व्यक्ति आपके व्यापार में घाटा देता है उसे तो आप इग्नोर कर लेते हो, कभी घर-परिवार में कोई बात हो उन बातों को भी इग्नोर करो। जिसकी सोच पॉजिटिव होती है, वह हर क्षेत्र में सफल होता है। सुखी होंने के लिए अपना व्यवहार ठीक करो और समृद्ध होने के लिए व्यापार ठीक से करोगे तो कभी असफल नहीं होगे।
एडजस्टमेंट की कला सीख लो
किसी भी कार्य में अड़ो मत सभी से तालमेल बनाकर चलोगे तो जीवन में कभी उलझोगे नहीं ,यदि एडजस्टमेंट की कला सीख लोगे तो कभी किसी से कोई विवाद नहीं होगा। व्यापार व्यवसाय हो या जीवन व्यवहार में धैर्य रखना चाहिए। जो धैर्यवान होते हैं वह हर मुश्किल की घड़ी में अपनी समस्याओं को हल कर लेते हैं।
समाज की सुरक्षा सुसंस्कारित पाठशाला से
इस अवसर पर मुनि श्रीनिर्वेग सागर महाराज ने कहा कि यदि आपने आने वाली पीढ़ी को संस्कार दे दिए तो आपका छोटे नगर से महानगर में आना सार्थक हो जाएगा। उन्होंने पाठशालाओं को व्यवस्थित रखने की बात करते हुए कहा कि समाज की सुरक्षा सु संस्कारित पाठशालाओं से है। इस अवसर पर मुनिश्री संधान सागरजी महाराज सहित समस्त क्षुल्लक महाराज मंचासीन थे।
यह रहे सभा में उपस्थित
इस अवसर पर धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष अशोक डोसी अविनाश जैन, प्रदीप बल्ला राकेश चेतक दिनेश जैन, अखिलेश जैन मनीष फंटुस, नवीन केवलारी एवं उषा पाटनी, मुक्ता जैन आदि समाज जन उपस्थित थे। धर्मसभा का संचालन बाल ब्रह्मचारी अभय भैया ने किया।
मुनिसंघ ने आदिनाथ बाग की ओर किया विहार
राजेश जैन दद्दू ने बताया कि दोपहर में मुनिसंघ का विहार आदिनाथ बाग रामचंद्र नगर की ओर हुआ। सांयकालीन शंका समाधान कार्यक्रम होगा एवं रात्रि विश्राम यहीं रहेगा तथा रविवार को प्रातः प्रवचन एवं आहारचर्या यहीं से संपन्न होगी। सभी समाजजन से निवेदन है कि सही समय पर पहुंचकर धर्म लाभ लें।
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