सकल दिगम्बर जैन समाज के संयोजन में शनिवार को पाडवा में जन्मे तथा मुम्बई में समाधिस्थ मुनि विश्वास सागरजी महाराज के श्वेत मार्बल निर्मित चरण चिह्न बस स्टेण्ड समीप पहाड़ी पर निर्मित छतरी में समाज के प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया विरल के मंत्रोच्चारण के साथ कान्तिलाल व विजय जोदावत परिवार द्वारा स्थापित किये गये। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट….
पाडवा। सकल दिगम्बर जैन समाज के संयोजन में शनिवार को पाडवा में जन्मे तथा मुम्बई में समाधिस्थ मुनि विश्वास सागरजी महाराज के श्वेत मार्बल निर्मित चरण चिह्न बस स्टेण्ड समीप पहाड़ी पर निर्मित छतरी में समाज के प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया विरल के मंत्रोच्चारण के साथ कान्तिलाल व विजय जोदावत परिवार द्वारा स्थापित किये गये। कान्तिलाल मेहता ने बताया कि इस अवसर पर शनिवार को प्रातः आदिनाथ मन्दिर में जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शान्तिधारा कर शान्तिनाथ विधान किया गया, साथ ही चरण चिह्न प्रतिष्ठा विधि की गई।
बाद में मन्दिर से बैंड-बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें श्रद्वालु चरण चिह्न व मुनि विश्वास सागरजी महाराज की तस्वीर को शिरोधार्य कर जय जयकार कर, भक्ति नृत्य करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा गांव के प्रमुख मार्गों से होती हुई बस स्टेण्ड के समीप पहाड़ी पर पहुंची, जहां प्रतिष्ठाचार्य पगारिया द्वारा भूमि शुद्धि, दिक् बन्धन, पंच कुमार पूजा के साथ श्वेत पाषाण से निर्मित स्मृति छतरी में मुनि श्री के गृहस्थ परिजन द्वारा चरण चिह्न स्थापित किये गये। इस अवसर पर पाडवा समेत सागवाड़ा ,भासौर आदि गांवों के श्रद्धालु उपस्थित थे।
मुनि श्री का परिचय
विश्वास सागरजी का पूर्व नाम हिरालाल जोदावत था। इनके एक पुत्र वर्तमान में आचार्य श्रेय सागरजी व पुत्री आर्यिका श्रेयमती माताजी हैं। 8 जनवरी को त्रिमूर्ति जिनालय बोरीवली मुम्बई में आपने अपने ही गृहस्थ पुत्र से मुनि दीक्षा ग्रहण कर चारों प्रकार के आहार का त्याग कर समाधिमरण किया।
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