सारांश
पूज्य जैन आचार्य श्री आदित्य सागर जी महाराज के दीक्षा दिवस के अवसर पर लक्ष्मी नगर में आयोजित कार्यक्रम में विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि 22वें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की मोक्षस्थली गिरनार की पांचवी टोंक पर अवैध अतिक्रमण, निर्माण और जैनों के साथ दुर्व्यवहार लोकतंत्र में अन्याय की पराकाष्ठा है। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट…
दिल्ली। पूज्य जैन आचार्य श्री आदित्य सागर जी महाराज के दीक्षा दिवस के अवसर पर लक्ष्मी नगर में आयोजित कार्यक्रम में विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि 22वें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की मोक्षस्थली गिरनार की पांचवी टोंक पर अवैध अतिक्रमण, निर्माण और जैनों के साथ दुर्व्यवहार लोकतंत्र में अन्याय की पराकाष्ठा है। विश्व जैन संगठन के प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने कहा कि कलिंग जैन राजा खारवेल की 2200 वर्ष प्राचीन जैन गुफाओं में पुरातत्व विभाग की मिलीभगत से अतिक्रमण स्वीकार्य नहीं है। शिखर जी में पर्यटन को बढ़ाकर तीर्थ को अपवित्र करने वाले रोपवे की एक कील भी गाड़ने नहीं देंगे।
आंदोलन में करें सहयोग
संजय जैन ने समस्त जैन समाज का आह्वान करते हुए कहा कि गिरनार सहित सभी तीर्थों के संरक्षण के लिए कोर्ट के आदेशों और पुरातात्विक नियमों का पालन कराने और दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग हेतु आगामी 17 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान सहित सम्पूर्ण देश में आयोजित होने वाले देशव्यापी “तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ आंदोलन” में सहयोग करें।
होश और जोश रखें साथ
आचार्य श्री आदित्य सागर जी महाराज ने गिरनार सहित सभी तीर्थों के संरक्षण हेतु केंद्र और राज्य सरकारों से अपनी संवैधानिक मांगों के लिए जैन एकता के साथ बुजुर्गों के होश और युवाओं के जोश के साथ शांतिपूर्ण देशव्यापी शांतिपूर्ण जन आंदोलन के जयघोष हेतु मार्गदर्शन व आशीर्वाद देते हुए कहा कि जैसे जैन समाज अपने घर संपत्ति की देखभाल करता है, वैसे ही तीर्थों का भी संरक्षण आखिरी सांस तक करें।
सहयोग का आश्वासन
मंदिर प्रबंधक समिति के अमित जैन एडवोकेट और सदस्यों ने श्री संजय जैन का स्वागत किया। आकाश जैन राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विश्व जैन संगठन ने बताया कि धर्म सभा में उपस्थित संगठन के सम्मानित सदस्य निपुण जैन, अनुज जैन और ज्योतिष परिषद के रवि गुरु जी, प्रो. टीकम चंद जैन, दिल्ली व अन्य स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने जैन धर्म व तीर्थों के संरक्षण को आवश्यक बताते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
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