जैन जगत के मूर्धन्य विद्वान पं. जवाहर लाल भिण्डर के आकस्मिक देवलोक गमन से विद्वत जगत की अपूरणीय क्षति हुई है, वे करणानुयोग के प्रकाण्ड विद्वान थे , वे अत्यन्त सरल स्वाभावी एवं देव शास्त्र गुरू के अनन्य भक्त थे। पढ़िए रत्नेश जैन रागी की रिपोर्ट…
बकस्वाहा (छतरपुर)। जैन जगत के मूर्धन्य विद्वान पं. जवाहर लाल भिण्डर के आकस्मिक देवलोक गमन से विद्वत जगत की अपूरणीय क्षति हुई है, वे करणानुयोग के प्रकाण्ड विद्वान थे , वे अत्यन्त सरल स्वाभावी एवं देव शास्त्र गुरू के अनन्य भक्त थे। अभी कुछ माह पूर्व ही राष्ट्रीय संस्थान – प्रभावना जनकल्याण परिषद (रजि) ने आपको ” आचार्य वर्धमान सागर पुरस्कार ” से सम्मानित किया था। परिषद ने आपको उन्हीं के निवास पर जाकर आचार्य श्री वर्द्धमानसागर जी के आशीर्वाद के साथ प्रशस्तिपत्र, शाल, श्रीफल एवं रजत कलश भेंट कर सम्मानित किया था। आदरणीय पंडित जी का हम सभी के प्रति अत्यन्त वात्सल्य भाव रहा ।
प्रभावना जनकल्याण परिषद के सुनील संचय ललितपुर, सुनील सोजना टीकमगढ़, राजेन्द्र महावीर सनावद,मनीष विद्यार्थी, परिषद के अध्यक्ष राजेश जैन रागी बकस्वाहा, महामंत्री पं. प्रद्युम्न कुमार शास्त्री जयपुर सहित समस्त पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही देश के अनेक विद्वानों व विद्वत संगठनों की जिनेन्द्र प्रभु से मंगल प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शीघ्र अभ्युदय की प्राप्ति हो एवं शोकाकुल परिवार को इस असहनीय दु:ख सहन करने की शक्ति प्राप्त हो।
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