सभी जगह चौमासा का कार्यक्रम चल रहा है। एक जगह महाराज के सानिध्य में चर्चा हो रही थी। जैनियो की संख्या कम होती जा रही है। इसके लिए क्या कदम उठाए जाएं? ताकि जैन समाज मजबूत हो। पढ़िए अनिल कुमार जैन के विचार
सभी जगह चौमासा का कार्यक्रम चल रहा है। एक जगह महाराज के सानिध्य में चर्चा हो रही थी। जैनियो की संख्या कम होती जा रही है। इसके लिए क्या कदम उठाए जाएं? ताकि जैन समाज मजबूत हो। इस पर विचार विमर्श हो रहा था। लोग अपने अपने विचार व्यक्त कर रहे थे अनिल कुमार जैन ने कहा मैं भी कुछ कहना चाहता हूं। कुछ लोग मेरा मजाक उड़ाते हुए बोले, महाराज जी ये यहां के समाज का नही है। ज्यादा पैसा वाला भी नहीं है। थोड़ा बहुत ऐसे ही लिखता रहता है। मधुबन पारसनाथ में आदिवासी समुदाय से परिचित हैं। महाराज बोले: जैनी है और कुछ बोलना चाहता है। आप सभी बोलें तो इसे भी बोलने दे
मैंने कहा
गुरुदेव की चरणों मे त्रि बार नमोस्तु।उपस्थित साधर्मी बंधुओं को जय जिनेन्द्र
जैन समाज को अगर सचमुच मजबूत करना है तो सामूहिक प्रयास की जरुरत है।
1. जीतने भी जगह जैन समाज हैं। उन्हे अपने क्षेत्र में व्हाट्सऐप ग्रुप बनाना चाहिए। जिसमें आपसी सहमति से रोजगार सृजन, आपके पास कुछ ज्यादा हैं तो दान देने हेतू ग्रुप में लिखें। किसी को कोई दिक्कत हैं सामान चाहिए, अन्य समस्या का जिक्र कर सकें । जो भी नए लोग शहर में आए। उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप से जोड़ें और उनकी प्राथमिकता से जरुरत पूछें और यथा संभव मदद करें।
2. जैसे कोई नया जैनी भाई आपके शहर आए। वहा उसे दुकान, घर चाहिए, टेबल कुर्सी अन्य सामान की जरुरत हो तो अन्य जैनी भाई उसकी मदद कर सकते हैं। अपना पुराना, गैर जरूरी सामान उन्हें दें।
3. नए जैन लोगों को आप अपने बच्चों को पढ़ाने में लगवा सकते है।
4. अपने कारोबार, नौकरी प्रदान कराने में जैन भाई बहन को प्राथमिकता दे।
5. आपके पास कोई काम, रोजगार, टेंडर की जानकारी हो जो आप नहीं करना चाहते हैं उसे जैन समाज के अन्य लोगों को बताए। ताकि वे उसका फ़ायदा ले सकें।
6. हर मंदिर में एक जरुरत पेटी रखी जाए। जिसमें लोग अपनी कोई समस्या, जरुरत लिखकर डाल सकें। ताकि समाज के वरिष्ठ लोग उसे देखकर। जो उचित मदद हो करें।
7. हर दो महीने मे समाज मे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। ताकि लोगों का आपसी मिलन हो। जिसमे जो गुण हों, उसे प्रोत्साहित करना चाहिए।
8. जब लोगों को पता चलेगा समाज आपके साथ है तो वो बच्चे पैदा भी करेंगे और बच्चों की सही परवरिश भी होगी।
9. जहां भी समाज सक्षम है वो अपने इलाके मे जैन विद्यालय, जैन हॉस्पिटल खोले। ताकि बच्चों को स्कूल और अस्पताल की समुचित सेवा मिले।
10. हर समाज एक अलग फंड बनाए, जिसमें समाज के लोग हर महीने कुछ दान दें। जिसका उपयोग सधर्मी बंधुओं के आकस्मिक जरुरत में किया जा सके।
मेरे उद्बोधन का लोगों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। महाराज जी ने आशीर्वाद दिया और कहा सही सलाह दी है तुमने। लगे रहो जरूर सफलता मिलेगी
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