जयपुर, वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के सान्निध्य में मदनगंज किशनगढ़ में आयोजित हो रहे इस पंचकल्याणक महोत्सव में प्रतिदिन 15 से 20 हजार लोगों की रसोई बनेगी। सामान्य श्रद्धालओं के लिए एक समय नाश्ता और दो समय भोजन के अलावा त्यागी व्रतियों और जो श्रद्धालु सोध का भोजन करते हैं उनके लिए अलग व्यवस्था की गई है। यहां छः अलग अलग भोजजनशाल बनाई गई है और आने वाले सभी लोगों का पूरा ध्यान रखा गया है।
मदनगंज किशनगढ अपने सुस्वादु भोजन के लिए पूरे देश में जाना जाता है और यही बात यहां आयोजित हो रहे इस भव्य पंचकल्याणक महोत्सव में नजर आएगी। महोत्सव के दौरान प्रतिदिन यहां आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग तरह के भोजन की व्यवस्था की गई है और प्रयास यह किया गया है कि एक तरह का भोजन दूसरी बार रिपीट ना हो, यानी हर बार लोगों को नए तरह के भोजन मिले।
प्रतिदिन औसतन करीब दस हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था रहेगी ताकि यहां जो आए, वह धर्म का आनंद तो ले ही साथ ही भोजन का आनंद भी ले।
यह बनेगी रसोई
प्रतिदिन नाश्ते में चाय, दूध, उकाली, फल, बिस्किट, पोहा, नमकीन जैेसे आइटम्स के साथ ही हर रोज कोई ना कोई मिठाई जैसे बादाम का हलवा, केसर बाटी, गुलाब रबडी, गाजर का हलवा, जलेबी, इमरती, राजभोग जैसे मिठाइयां भी परोसाी जाएंगी।
इसी के साथ सुबह व शाम के भोजन में पूडी, चपाती, चावल, दाल के साथ ही हर रोज अलग सब्जियां जैसे मटर, टमाटर, हरा छोला, काजू करी, शाही पनीर, मलाई कोफ्ता जैसी सब्जियां रहेंगी। वहीं मिठाइयांें में गुलाब जुमान और बादाम के हलवे से लेकर मालपुआ, लडडू, घेवर आदि कई तरह की मिठाइयंा परोसाी जाएंगी।
कार्यक्रम के प्रचार मंत्री गौरव पाटनी ने बताया कि
भोजन परोसने के लिए विभिन्न महिला मंडलों और स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी गई है और करीब 500 लोग इस व्यवस्था को संभालेंगे। और भोजन पूरी शुद्धता के साथ बने इसका पूरा ध्यान रखा गया है।
जो लोग सोध का भोजन करना चाहते हैं, उनके लिए पूरी तरह से अलग व्यवस्था आर के मार्बल परिवार के गेस्ट हाउस में की गई है। वहां पूरी शुद्धता के साथ कुएं के छने और उबाले हुए जल से भोजन बनाया गया जाएगा। इस के अलावा त्यागी व्रतियों, इंद्र – इंद्राणियों और अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश यही है कि किसी को भी किसी तरह की परेशानी ना हो।
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