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पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में ज्ञान कल्याणक मनाया: आचार्यश्री वसुनंदी के सानिध्य में हुई विभिन्न धार्मिक क्रियाएं 


सिहोनिया अतिशय क्षेत्र में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आचार्य वसुनंदी महाराज के मंगल सानिध्य में चौथे दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें धार्मिक क्रियाएं हुईं। आचार्यश्री के प्रवचन हुए। इसमें उन्होंने भगवान आदिनाथ के ज्ञान कल्याणक के बारे में विस्तार से बताया। पढ़िए अंबाह से सौरभ  जैन की खबर…


अंबाह। सिहोनिया अतिशय क्षेत्र में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आचार्य वसुनंदी महाराज के मंगल सानिध्य में चौथे दिवस ज्ञान कल्याणक महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। सोनू मित्र मंडल ने बताया कि ज्ञान कल्याणक दिवस पर आर्यिका वधरस्वनंदनी के निर्देशन एवं पंडित मनोज शास्त्री निर्देशन में प्रातः कालीन धर्मिक क्रियाएं हुईं। इसके बाद मुनि आदिकुमार को आहार चर्या का दृश्य प्रदर्शित किया गया। राजा श्रेयांस एवं राजा सोम ने पडगाहन कर मुनि आदिकुमार को आहार देने का सौभाग्य अर्जित किया।

ऋषि बनो या कृषि का उपदेश सारी दुनिया को दिया

इस अवसर पर आचार्य वसुनंदी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि युग के आदि में जब जन सामान्य को मुनियों को आहार देने की क्रिया का ज्ञान नहीं था। तब भगवान आदिनाथ जो मुनि आदिकुमार के रूप 6 माह तक आहार नहीं प्राप्त हुआ था। 6 माह के बाद राजा श्रेयांस और राजा सोम ने नवधा भक्ति के साथ सर्वप्रथम इच्छू रस का आहार दिया था। भगवान आदिनाथ ने ही कल्प वृक्षों की समाप्ति के पश्चात सामान्य प्रजा के हित के लिए आसी मसी कृषि वाणिज्य शिल्प एवं कला आदि की शिक्षाए जन सामान्य को सिखाई थीं। उन्होंने ही सर्वप्राथम विश्व को ऋषि बनो या कृषि का उपदेश सारी दुनिया को दिया था।

विशिष्ट अतिथि का होगा पदार्पण

सिहोनिया अतिशय क्षेत्र के परम संरक्षक जिनेश जैन ने बताया कि 10 फरवरी को पंचकल्याणक महोत्सव का समापन होगा। 10 फरवरी को केवल मोक्ष कल्याणक मनाया जाएगा एवं विश्व महायज्ञ होगा। मप्र के उप मुख्यमंत्री 9 फरवरी ज्ञान कल्याणक पर सिहोनिया अतिशय क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से दोपहर 3 बजे पधार रहे हैं। 10 फरवरी को राजस्व मंत्री और कई विधायक, नेता गण मोक्ष कल्याणक पर पधार रहे हैं।

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