अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी जैन आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य युगल मुनि श्री शिवानंद जी महाराज एवं मुनि श्री प्रश्मानंद जी मुनिराज का पावन वर्षायोग इस बार मुरैना की पावन भूमि पर हो रहा है, जिसके तहत वर्षायोग मंगल कलश की स्थापना 28 जुलाई रविवार दोपहर 11 बजे से आचार्य श्री वसुनंदी गुरुकुल सभा मंडप द ग्रैंड गुप्ता बैंक्वेट हॉल बालाजी गार्डन के पास माधोपुरा की पुलिया पर होगी। पढ़िए अजय जैन की रिपोर्ट…
मुरैना। अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी जैन आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य युगल मुनि श्री शिवानंद जी महाराज एवं मुनि श्री प्रश्मानंद जी मुनिराज का पावन वर्षायोग इस बार मुरैना की पावन भूमि पर हो रहा है, जिसके तहत वर्षायोग मंगल कलश की स्थापना 28 जुलाई रविवार दोपहर 11 बजे से आचार्य श्री वसुनंदी गुरुकुल सभा मंडप द ग्रैंड गुप्ता बैंक्वेट हॉल बालाजी गार्डन के पास माधोपुरा की पुलिया पर होगी। यह आयोजन श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मन्दिर कमेटी मुरैना एवं अहिंसक आहार वर्षायोग समिति मुरैना के सानिध्य में सकल जैन समाज मुरैना द्वारा किया जा रहा है।
इस आयोजन में देशभर की जैन समाज के साथ-साथ मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहेंगे। ज्ञात रहे कि वर्षाकाल में चातुर्मास आरंभ हो गया हैष यह जैन धर्म में आध्यात्मिक साधना और तपस्या का यह विशेष समय होता है। इस अवधि में साधु-साध्वियां एक ही स्थान पर ठहरकर अपनी साधना करते हैं। चतुर्दशी पर उपवास करके जैन मुनि संघ चातुर्मास स्थापना के लिए दीपावली तक का संकल्प लेते है। इस दौरान साधु संतों को एक सीमा के भीतर आने-जाने की छूट रहती है। वहीं उनके द्वारा चार माह तक एक शहर में रहकर धर्म-ध्यान किया जाता है। आयोजकों ने बताया कि चातुर्मास कलश स्थापना का अवसर समाज को तब मिलता है, जब उसके शहर में किसी संत का चातुर्मास होता है।
इस अवसर पर स्थापित होने वाले कलश के पुर्ण्याजन की बोली जो परिवार लेता है वह परिवार जीवन भर के लिए सौभाग्यशाली बन जाता है। क्योंकि 4 माह तक लगातार संत ईश्वर के चरणों में समर्पित होकर धर्म ध्यान करते हैं। वहीं इन कलश के पास बैठकर श्रद्धालु जाप इत्यादि करते हैं। इसी क्रम में आज रविवार को कलश स्थापना के साथ मुरैना में चातुर्मास शुरू होगा।आयोजकों ने देश भर के श्रद्धालुओं से आयोजन में पधारने की अपील की है।
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