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तीन वर्षों में होगा निर्माण कार्य पूरा : श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर का नव निर्माण के लिए भव्य शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

सारांश
90 वर्ष प्राचीन श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर का नव निर्माण के लिए भव्य शिलान्यास का कार्यक्रम पूज्य जैन संत गुरुदेव मुनि श्री108 सुयश सागर जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। पुराने मंदिर का विसर्जन कर दिया गया। विश्व शांति महायज्ञ हवन पूजा के साथ ही सिद्ध चक्र महामंडल विधान को पूरी भक्ति के साथ संपन्न किया गया, तत्पश्चात शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…

झुमरीतिलैया। 90 वर्ष प्राचीन श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर का नव निर्माण के लिए भव्य शिलान्यास का कार्यक्रम पूज्य जैन संत गुरुदेव मुनि श्री108 सुयश सागर जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। जैन समाज के मंत्री ललित सेठी ने बताया कि पुराने मंदिर की जीर्ण अवस्था को लेकर मंदिर निर्माण कमेटी एवं जैन समाज के पदाधिकारीगण ने निर्णय लिया कि समय और समाज की आवश्यकता को देखते हुए इसे आधुनिक साज- सज्जा के साथ भव्यता और दिव्यता प्रदान करते हुए नया निर्माण कराया जाए। पुराने मंदिर का विसर्जन कर दिया गया। विश्व शांति महायज्ञ हवन पूजा के साथ ही सिद्ध चक्र महामंडल विधान को पूरी भक्ति के साथ संपन्न किया गया, तत्पश्चात शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ। इसमें 1000 से अधिक श्रद्धालु भक्त पुरुष, महिला, युवा बच्चों ने भाग लिया।

सुयश सागर जी का रहा सानिध्य

गुरुदेव आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पूज्य मुनि श्री 108 सुयश सागरजी महाराज ससंघ सानिध्य में अभूतपूर्व ऐतिहासिक सिद्ध चक्र विधान संपन्न हुआ और साथ- साथ मंदिर नव निर्माण शिलान्यास समारोह भी संपन्न हुआ। भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम के पूर्व खनन क्रिया, वास्तु विधान, भूमि शुद्धि आदि मांगलिक कार्य समाज की उपस्थिति में पू गुरुदेव सुयश सागरजी महाराज ससंघ सानिध्य में और प्रतिष्ठाचार्य ब्र. संजय भैया, सरस, बैतूल के निर्देशन में शुरू हुए। प्रातः काल हवन आदि मांगलिक कार्य के बाद भगवान को पालकी पर बिठाकर नगर के मुख्य स्थान से शोभायात्रा निकाली गई और साथ- साथ मुख्य शिलान्यासकर्ता परिवार सुरेंद्र -सरिता सौरभ काला परिवार को सम्मान के साथ बग्गी में बिठाया गया और नगर परिक्रमा करने के बाद श्रीजी का शिलान्यास स्थल पर जलाभिषेक किया गया। श्रद्धालु बडी संख्या में उपस्थित थे और मंत्रोच्चारण के साथ शांति धारा की गई। सर्वप्रथम शिलान्यास स्थल पर शिलान्यास कर्ता परिवार के सभी सम्मानित सदस्यों का भव्य प्रवेश हुआ।

भूमि पूजन और शिलान्यास का सौभाग्य

शिलान्यास स्थल की बहुत ही सुन्दर सजावट और तैयारी की गई। विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना के बाद सर्व प्रथम शिलान्यास स्थल सुरेंद्र सरिता सौरभ काला, झुमरीतिलैया कोडरमा परिवार को आमंत्रित करते हुए रत्न शिला स्थापित करने का सौभाग्य मिला। परिवार और समाज के पूरे सदस्यों ने मिलकर भूमि पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को सफल बनाया। सभी को रजत स्वस्तिक, स्वर्ण शिला, रजत शिला उपलब्ध कराते हुए समाज के सभी परिवारों को पुण्य अर्जित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरुदेव मुनिश्री सुयश सागरजी महाराज एवं समाज की विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों ने विशेष रूप से सुरेंद्र सरिता सौरभ काला परिवार को बहुत बहुत बधाई दी।

जिनालय निर्माण सौभाग्य की बात

पूज्य गुरुदेव श्रमण मुनि सुयश सागर महाराज ने कहा कि कई जन्मों में संचित पुण्य कर्म के फलस्वरूप ऐसा सौभाग्य किसी व्यक्ति को मिल पाता है कि वह जिनालय निर्माण के शिलान्यास का सौभाग्य पा सके। भूमि पूजन में आठ दिशाओं मे आठ शीला रखने का सौभाग्य विमल संजय अजय बरजतया परिवार झुमरी तिलैया, पाना देवी गया परिवार, सुशीला देवी संदीप आशीष संजय सेठी परिवार झुमरी तिलैया, ललित दिलीप सृष्टि अजमेरा परिवार हजारीबाग, सुरेश प्रतिक पांड्या झुमरी तिलैया परिवार, विनीत छाबड़ा कोलकाता ध्वजा रोहन करता, विवेक सेठी प्रवीण पाटनी अभिषेक गंगवाल आदि परिवार को मिला। सुरेंद्र काला ने सभी पदाधिकारीगण, मंदिर निर्माण कमेटी चातुर्मास कमेटी के संयोजक नरेंद्र झाझरी, महिला समाज, युवक समिति, वर्षायोग समिति और सभी सहयोगियों विशेष रूप से सुरेश झांझरी, सुशील छाबड़ा, विवेक सेठी, प्रवीण पाटनी, अभिषेक गंगवाल,रिषभ काला का आभार जताया। पूज्य मुनिश्री 108 सुयश सागरजी महाराज,कोडरमा गौरव मुनि श्री 108 प्रांजल सागर जी मुनिराज,प पू क्षुल्लक 105 श्रुत सागर जी, क्षुल्लक 105 सोहम सागरजी महाराज का पूरे जैन समाज के श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद मिला मंदिर निर्माण कमेटी के संयोजक सुरेश झांझरी सुशील छाबड़ा ने भी सभी दान दातार के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि सभी के सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा, जिसे तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। जैन समाज के मीडिया प्रभारी नवीन जैन और राजकुमार अजमेरा ने बताया कि शिलान्यास स्थल पर 35 घंटे का विश्व शांति णमोकार महामंत्र का अखंड पाठ हुआ।

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