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गिरारगिरी क्षेत्र के निकट नदी में 565 वर्ष प्राचीन प्रतिमा मिली

गिरारजी (उ.प्र.) 10 मार्च। गिरारगिरी जी क्षेत्र के निकट धसान नदी में एक चरवाहे को अति महत्व की 565 वर्ष प्राचीन धातु प्रतिमा प्राप्त हुई है। ललितपुर जिलान्तर्गत श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र गिरारगिरि जी के निकट राजकुमार रजक नामक चरवाहा प्रतिदिन की तरह अपनी बकरियो चराने गया था। धसान नदी में वह पानी पीने गया, उसे सह प्राचीन धातु की प्रतिमा प्राप्त हुई। जिसे उसने दर्शनार्थियों को बताया। क्षेत्र के पदाधिकारियों को खबर की गई। क्षेत्र के मंत्री प्रदीप जैन मडावरा, कोषाध्यक्ष अशोक जैन बरायठा, त्रिलोक जैन, अजित स्टील, आशीष जैन आदि मौके पर गये और प्रशासन को जानकारी दी। स्थानीय समाज, बरायठा व मडावरा समाज के मध्य एवं कमेटी वालों को वह प्रतिमा सौंप दी गई। प्रतिमा जी दर्शन हेतु मंदिर जी में रखी गई है।

गिरार जी क्षेत्र के मंत्री प्रदीप जैन ने बताया कि  लगभग नौ इंची की इस प्रतिमा पर पीछे प्रशस्ति भी अंकित है तथा आगे हिरण का चिह्न होने से यह प्रतिमा शांतिनाथ भगवान की हो सकती है। प्रशस्ति में भी लिखा है। प्रशस्ति ‘‘सं0 1513 अहमद नगरे श्री श्रीमाल जातीय  श्वश्रेयसे श्री शांतिनाथ बिंब का. प्रतिष्ठापितं’’.स्पष्ट पढ़ा जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि इस क्षेत्र में पहले भी इसी नदा से प्रतिमाएं प्राप्त हो चुकीं हैं। चंूकि यह यह क्षेत्र धसान नदी के तट पर स्थिति है। इस पार उत्तर प्रदेश है और नदी के उस पार मध्यप्रदेश की सीमा है। विगत वर्षों इसी धसान नदी में एक विशाल पाषाण प्रतिमा सांगोपांग प्राप्त हुई थी जो गिरारजी से कुछ दूरी पर थी, वह नदी के दूसरे तट पर प्राप्त हुई थी, वहां निकट जासौड़ा ग्राम है जो मध्यप्रदेश में आता है, इसलिए वह प्रतिमा जासौड़ा ग्राम के जैन मंदिर में विराजमान की गई थी।

डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’,इंदौर

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