धरियावद । महावीर जैन मंदिर में वर्षा योग कर रहीं आर्यिका प्रसन्नमति माताजी ने कहा है कि सप्ताह में सात वार होते हैं, पर आठवां वार परिवार होता है। जिस परिवार के लिए लोग सप्ताह के सातों दिन भगवान की भक्ति करते हैं, उस परिवार को सुख-शांति, समृद्धि, धन- ऐश्वर्य आदि सुखों की प्राप्ति स्वतः ही हो जाती है। हमारा सबका प्रथम अंग प्रभु भक्ति ही होना चाहिए। आर्यिका प्रसन्नमति माताजी ने आयोजित सभा में प्रवचन देते हुए कहा कि संसार में- पहला सुख निरोगी काया, दूसरा घर में माया, तीसरा कुल कुलचंति, चौथा आज्ञाकारी पुत्र। पांचवां सुख यह है कि आज के युग में घर में लंबे समय तक मोबाइल नहीं चले यह भी महती आवश्यकता है। जीवन में व्यक्ति खाने के लिए कमाता है। पर आजकल व्यक्ति खा नहीं पा रहा है। धन कमाने में इतना व्यस्त है कि स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। स्वास्थ्य के लिए धन गंवाता है। अतः नियमित रूप से प्रभु भक्ति करते हुए पुरुषार्थ करना चाहिए। धर्मसभा में मंगलाचरण प्रतिष्ठा अचार्य पंडित भागचंद जैन ने की। संचालन सूर्य प्रकाश ने किया।
घरों में लंबे समय तक मोबाइल नहीं चले, यह महती जरूरतः आर्यिका प्रसन्नमति माताजी
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