सराक बन्धुओं के बीच सराकोद्धारक, सराकों के मसीहा, आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज की विनयांजलि सभा का पंचम समाधि दिवस पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के लखनपुर में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम संघस्थ ब्र. मंजुला दीदी जी के सान्निध्य में और श्री ज्ञानसागर भक्त परिवार के सहयोग से भारतवर्षीय दिगम्बर जैन सराक ट्रस्ट एवं प्राच्य श्रावक श्रमण केन्द्रीय समिति के तत्वावधान में संपन्न हुआ। पढ़िए मनीष शास्त्री विद्यार्थी की विशेष रिपोर्ट…
लखनपुर (पश्चिम बंगाल)। सराक बन्धुओं के बीच सराकोद्धारक, सराकों के मसीहा, आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज की विनयांजलि सभा का पंचम समाधि दिवस पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के लखनपुर में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम संघस्थ ब्र. मंजुला दीदी जी के सान्निध्य में और श्री ज्ञानसागर भक्त परिवार के सहयोग से भारतवर्षीय दिगम्बर जैन सराक ट्रस्ट एवं प्राच्य श्रावक श्रमण केन्द्रीय समिति के तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में सराक एवं जैन श्रद्धालु झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से शामिल हुए। दीदी जी के निर्देशन में जनसैलाब के साथ गुरुदेव की झांकियां सहित नगर में जुलूस, शोभा यात्रा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, चरण पादुका प्रक्षालन, पूजन और सामूहिक आरती का आयोजन किया गया। इसके बाद, निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने अपने विचारों का वाचन किया, और विशिष्ट अतिथियों द्वारा गुणानुवाद कराया गया। कार्यक्रम में भावपूर्ण विनयांजलि गुरुदेव को समर्पित की गई।
गुरु ज्ञानसागर जी महाराज और सराक बन्धु विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पंचम स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। बालिकाओं ने मंगलाचरण, भक्ति संगीत और गुरु स्मरण भजन के साथ नृत्य प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया। अपने पूज्य गुरुदेव के स्मरण में उपस्थित सराक जैन महिला, पुरुष और बाल गोपाल के नयनों में अश्रुपूरित जलधाराएं थीं, जो गुरुदेव के चरणों में समर्पित हो रही थीं। 15 से 20 मिनट तक जनसैलाब में गहरा मातम छा गया। कार्यक्रम का संचालन नितिन शास्त्री, सुरेन्द्र शास्त्री और सागर जी ने किया, जबकि संयोजन में सराक जैन ट्रस्ट के प्रतिनिधि श्री विनोद जी जैन (पुरुलिया) और प्राच्य श्रावक श्रमण केन्द्रीय समिति के पदाधिकारी और सदस्य जैसे रमेशचन्द्र मांझी, रविन्द्रनाथ मांझी, कीरीटी भूषण मांझी, सृष्टि धर मांझी, गौरांग मांझी, आशीष मांझी (रांची), पुटुक माजी, असित लायेक, रामदुलाल मंडल (पुरुलिया), गयाराम माजी, संजय माजी, लखन माजी, सुदांशु माजी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
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