समाचार

मुनि श्री दर्शन सागर जी महाराज का समाधिमरण : विनयांजलि सभा में भावुक होकर दी श्रद्धांजलि  


श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर, अंजनी नगर में परम पूज्य श्री दर्शन सागर जी महाराज की समाधि के उपरांत विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र सोगानी ने अंजनी नगर मंदिर की नींव से लेकर मंदिर निर्माण और संत सदन के निर्माण में पूज्य गुरुदेव के सानिध्य और आशीर्वाद का उल्लेख करते हुए उनके उपकारों के बारे में बड़े ही भावुक होकर बताया। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…


इंदौर। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर, अंजनी नगर में परम पूज्य श्री दर्शन सागर जी महाराज की समाधि के उपरांत विन्यांजलि सभा का आयोजन किया गया। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र सोगानी ने अंजनी नगर मंदिर की नींव से लेकर मंदिर निर्माण और संत सदन के निर्माण में पूज्य गुरुदेव के सानिध्य और आशीर्वाद का उल्लेख करते हुए उनके उपकारों के बारे में बड़े ही भावुक होकर बताया। इसके बाद, सामाजिक संसद (कीर्ति स्तम्भ) के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी ने भी पूज्य गुरुदेव की महिमा का वर्णन किया और कहा कि पूज्य श्री का इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है। इस क्षेत्र में उन्होंने कई नए मंदिरों का निर्माण और जीर्णोद्धार करवाया। इसके बाद, सुशील पांड्या, मनोहर झांझरी, दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के राकेश विनायका, नगर पुरोहित पंडित नितिन झांझरी ने भी पूज्य गुरुदेव के अंतिम तीन दिनों के दौरान उनके त्याग और समर्पण के बारे में बताया, जिससे सभा में उपस्थित समाजजन भावुक हो गए।

उसके बाद, मोदी जी की नसिया से कमल काला, अंबिकापुरी दिगम्बर जैन मंदिर से विजेंद्र सोगानी और मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष अशोक टोंग्या ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन ऋषभ पाटनी ने किया और कार्यक्रम की शुरुआत में दीप प्रज्वलन कराया। प्रचार मंत्री नितिन पाटोदी ने बताया कि पूज्य दर्शन सागर जी महाराज ने आचार्य पद पर रहते हुए जिनबिम्ब के कुल 189 पंचकल्याणक महोत्सवों का आयोजन किया और 38 दीक्षाएं भी दीं। साथ ही, उन्होंने पूरे भारत में लगभग 2 लाख किलोमीटर का पद विहार किया। कार्यक्रम का आभार मंदिर के मंत्री संजय मोदी ने व्यक्त किया। सभा में मंदिर कमेटी के राजेश काला, हेमंत गदिया, राजकुमार जैन, चंद्रकुमार गोधा, अक्षय काला, अंकित जैन और मंदिर से जुड़े एवं आसपास के अन्य मंदिरों से आए समाजजन विशेष रूप से उपस्थित थे।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
1
+1
0
+1
0

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें