मैं बड़ी दुविधा में हूं, क्या करूं। सोचा क्यों नहीं आज सभी से पूछ लूं कि भगवान महावीर के 24 वर्ष बाद आयोजित महामस्तकाभिषेक की व्यवस्थाओं और साधुओं को निमंत्रण नहीं देने पर सब क्या सोचते हैं? आपके जवाब और सुझाव के बाद फिर और चर्चा करेंगे कि क्या सही हुआ और क्या गलत। भविष्य में ऐसे आयोजनों को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की धर्म में भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। आप स्वतंत्रता के साथ अपनी राय दें, क्योंकि यह किसी की आलोचना का विषय नहीं धर्म और समाज में सुधार के भाव के साथ किया जा रहा प्रयास है। सकारात्मक सोच के साथ उठाया कदम है। तो इन सवालों का जवाब दें।
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प्रश्नकर्ता
भगवान महावीर का शिष्य श्रेणिक
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