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पंथ वादी मत बनो संतवादी बनो सब संतों से रिश्ता जोड़ो: कुंडलपुर तीर्थ में आचार्यों के साथ किया गया दुर्व्यवहार निंदनीय


कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में आचार्य श्री अंतर्मना प्रसन्न सागरजी के ससंघ के साथ दुर्व्यवहार किया गया। इसके कारण उन्हें अचानक विहार करने का निर्णय लेना पड़ा। इस अशोभनीय घटना की जैन समाज भर्त्सना कर रहा है। पढ़िए इंदौर से यह खबर…


इंदौर। कुंडलपुर तीर्थ क्षेत्र में आचार्य श्री अंतर्मना प्रसन्न सागरजी के साथ दुर्व्यवहार किया। इसके कारण उन्हें अचानक विहार करना पड़ा है। यह घटनाक्रम सोमवार को हुआ है। यह घटना पूर्वाग्रह, पंथाग्रह, संताग्रह से ग्रसित है। जो बेहद निंदनीय है। श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र( बड़े बाबा) कुंडलपुर मप्र की कमेटी और पदाधिकारियों ने जो व्यवहार किया। वह पूरे देश के जैन समाज के लिए चिंतनीय और शर्मसार करने वाली खबर है।

 जैन समाज के लिए चिंता की बात

धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने इस पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा कि आचार्यश्री अंतर्मना प्रसन्न सागरजी जो सिंह निष्क्रीडित व्रत कर्ता हैं। उनके ससंघ के साथ दुराग्रह पूर्वक और द्वेषपूर्ण व्यवहार किया गया। उसकी सर्वत्र निंदा होनी चाहिए।

नववर्ष की संध्या तक रुकते आचार्य

दद्दू ने बताया कि अंतर्मना ससंघ का नववर्ष की संध्या तक कुंडलपुर तीर्थ पर रुकने का मन था, लेकिन कुंडलपुर तीर्थ कमेटी के पक्षपात पूर्ण निंदनीय व्यवहार के कारण ससंघ को अकस्मात विहार करना पड़ा।

16 साधु संघ का भी था उपवास

अंतर्मना आचार्य श्री ने केशलोच किया था तथा सभी 16 साधु-संघ का भी उपवास था। सभी साधुओं के उपवास और ठिठुरन भरी भयंकर सर्दी होने के बाद भी कुंडलपुर तीर्थ कमेटी की मनमानी, हठधर्मिता के कारण अंतर्मना आचार्य ससंघ को सुबह-सुबह कुंडलपुर से अचानक ही विहार करने का निर्णय करना पड़ा।

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