राजस्थान के उदयपुर जिले के खैरवाड़ा गांव के दो जैन भाइयों ने चिकित्सा जगत में अनुपम उपलब्धि हासिल की है। इससे पूरे जैन समाज में हर्ष का माहौल है। विनय एवं प्रियांशु जैन पिता चंद्रेशकुमार जैन खैरवाडा़ ने यहां से एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारत लौटकर उच्चांक से एफएमजीई परीक्षा भी पास कर ली। अब उन्हें चिकित्सा सेवा करने का लाइसेंस मिल सकेगा। उनकी इस उपलब्धि से दिगंबर दशा हुमड़ जैन समाज गर्व से भरा हुआ है। पढ़िए खैरवाड़ा से वीरेंद्र वखारिया की यह खबर…
खैरवाड़ा। चाइना और कजाकिस्तान से दो भाइयों ने एमबीबीएस डिग्री प्राप्त की। विनय एवं प्रियांशु जैन पिता चंद्रेशकुमार जैन खैरवाडा़ उदयपुर के दोनों भाइयों ने प्रथम प्रयास में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। खैरवाडा़ गाँव निवासी विनय जैन ने वेलाफेंग मेडिकल यूनिवर्सिटी शनडोंग चाइना से फरवरी 2024 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। वहां से लोटकर जनवरी 2025 में प्रथम प्रयास में एफएमजीई परीक्षा में 176 नंबर लाकर क्लियर किया। उनके छोटे भाई प्रियांशु जैन कजाकिस्तान के एम कोजी बायेव नॉर्थ कजाकिस्तान स्टेट यूनिवर्सिटी पेट्रोब्युमल से जुलाई 2024 में एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की और वहां आने के बाद जनवरी 2025 में प्रथम प्रयास में एफएमजीई की परीक्षा में 195 नंबर से क्लियर किया।
पहले प्रयास में की परीक्षा पास
आशा चंद्रेशकुमार के दोनों पुत्रों विनय एवं प्रियांशु जैन ने प्रथम प्रयास में एफएमजीई में 176 और 195 नंबर प्राप्त किए। इस परीक्षा को पास करने के बाद भारत में चिकित्सा सेवा करने के लिए लाइसेंस प्राप्त होता है।
पहले भी पांच बच्चे बने थे यहां से डॉक्टर
श्री 1008 चमत्कारिक रिद्धि-सिद्धिदायक नेमिनाथ भगवान की असीम कृपा से गांव खैरवाड़ा़ से 2024 में भी 5 बच्चों ने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी। सभी बच्चों ने प्रथम प्रयास में ही एफएमजीई की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। सभी बच्चों को दिगंबर दशा हुमड़ जैन समाज की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई।
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