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जैनेश्वरी दीक्षा धारण करना ही अंतिम लक्ष्य-अनीता दीदी

मुरैना (मनोज नायक)। जैन कुल में जन्म लेने के बाद जैनेश्वरी दीक्षा लेना ही श्रावक का अंतिम लक्ष्य होता है। और सही भी है, क्योंकि इस असार संसार में जैनेश्वरी दीक्षा लेने वाले ही भव से पार होते हैं। यह बात दीक्षार्थी दीदीयों की गोद भराई कार्यक्रम में अनीता दीदी (ज्ञानतीर्थ) ने सधर्मी बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए कही। संघस्थ ब्र.राहुल भैया ने बताया कि दिगम्बराचार्य श्री विनिश्चय सागर जी महाराज द्वारा 14 दिसम्बर को राजेंद्र गार्डन, टीकमगढ़ में 4 जैनेश्वरी दीक्षाएं प्रदान की जाएंगी। जिनमें 2 क्षुल्लक एवं 2 क्षुल्लिकाओ को दीक्षा दी जाएगी। क्षुल्लिका दीक्षा लेने जा रहीं मुरैना की रश्मि जैन का जन्म राजस्थान के मनियां नगर में जैसवाल जैन परिवार के श्रावक श्रेष्ठि सुमतिचन्द जैन, अंगूरी जैन (दुलारे वाले) के परिवार में हुआ था।

आपकी शादी मुरैना नगर के वरिष्ठ समाजसेवी पदमचंद जैन “गैंदालाल” (चैटा वाले) के साथ हुई थी। आप प्रारंभ से ही धर्म परायण महिला के रूप में जानी जाती रही हैं। आपके तीन पुत्र गौरव, ललित, दिवाकर जैन, तीन पुत्र बधुओं, नातियों सहित भरा-पूरा परिवार है। सांसारिक सुख-सुविधाओं एवं पारिवारिक मोह को छोड़कर रश्मि जैन ने संयम के मार्ग पर बढ़ते हुए जैनेश्वरी दीक्षा लेने का दृढ़ निश्चय किया है। आपने लगभग 10 वर्ष पूर्व आचार्य श्री विनिश्चय सागर जी महाराज को श्रीफल भेंटकर ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया था, तब से आज तक आप घर पर रहकर ही संयम की साधना कर रहीं थीं। जैसवाल जैन परिवार की झांसी निवासी सुधा जैन भी इसी दिन क्षुल्लिका दीक्षा लेंगी।

आपके ग्रहस्थ अवस्था के पुत्र (मुनिश्री प्रज्ञान सागर महाराज) श्री विनिश्चय सागर जी के साथ साधनारत हैं। इसके साथ ही गुलगंज निवासी बाबूलाल जैन एवं बा.ब्र.शोहित भैयाजी की क्षुल्लक दीक्षाएं भी होंगी। विगत दिवस मुरैना में श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती, बड़ा मन्दिर में दोनों दीक्षार्थी बहिनों का गोद भराई का भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर, लोहिया बाजार से दोनों दीक्षार्थी बहिनों को बग्घी में सवार कर भव्य एवं विशाल शोभायात्रा निकाली गई। बिनौरी यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करती हुई बड़ा जैन मंदिर पहुची।

गोद भराई कार्यक्रम को ब्रह्मचारिणी बहिन अनीता दीदी, रंजना दीदी, प्रीती दीदी, ब्र.राहुल भैयाजी, सरिता जैन ने सम्बोधित करते हुए दीक्षार्थियों के पुण्य की अनुमोदना करते हुए उपस्थित सभी सधर्मी बन्धुओं को संयम के मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा दी। तत्पश्चात सभी बन्धुओं, माता-बहिनों ने पंच मेवा से दीक्षार्थियों की गोद भरकर उनके पुण्य की अनुमोदना की। बिनौरी यात्रा एवं गोद भराई के बाद दोनों दीक्षार्थी बहिनें रोहित भैयाजी एवं प्रीती दीदी के साथ टीकमगढ़ रवाना हो गईं, जहां उन्हें 14 दिसम्बर को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की जाएगी। गोद भराई कार्यक्रम का संचालन पं.संजय शास्त्री (सिहोनियां) ने किया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में सधर्मी बन्धु, माता-बहिनें एवं युवा साथी उपस्थित थे।

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