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मुनिश्री विनीत सागरजी के आगमन से धामनोद धर्ममय हुआः ‘सारथ स्त्रोत्र संचय एवं विधियों का विधान‘ पुस्तक का विमोचन 


मुनिश्री विनीत सागरजी ने आज धर्मसभा में प्रवचन करते हुए बताया कि मनुष्य को जो नर भव मिला व बहुत कठिनाई से मिला है। जिस प्रकार हम लोग मंदिर आते है। तीन लोक के नाथ के दर्शन करते है। उनके चेहरे को देखते, उनकी वितरागता को देखते है। हम उनके पूर्वभव का चिंतन नहीं करते है। जबकि हमको उनके भवो को जानने का प्रयास करना चाहिए। पढ़िए धामनोद की यह पूरी खबर…


धामनोद। नगर में जैन समाज में मुनिश्री विनीत सागरजी के आगमन से धामनोद नगर धर्ममय हो गया है। रोजाना मंदिरजी में धार्मिक प्रवचन क्लासेस और शाम को गुरु भक्ति हो रही है। रात को मुनि सेवा समिति के सदस्यों के द्वारा व्यावृत्ति हो रही है। आज मुनिश्री विनीत सागरजी के प्रवचन के पहले मीना प्रधान, किरण जैन ने मंगलाचरण किया।

मनुष्य को नर भव मिला व बहुत कठिनाई से मिला 

मुनिश्री ने आज धर्मसभा में प्रवचन करते हुए बताया कि मनुष्य को जो नर भव मिला व बहुत कठिनाई से मिला है। जिस प्रकार हम लोग मंदिर आते है। तीन लोक के नाथ के दर्शन करते है। हम उनके चेहरे को देखते है, उनकी वितरागता को देखते है। हम उनके पूर्वभव का चिंतन नहीं करते है। जबकि हमको उनके भवो को जानने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे तो पत्थर के समान है। उनको भगवान बनाया चिन्ह भी दिए, हमें उनके बारे, उस चिन्ह के बारे में जरूर जानना चाहिए। सिर्फ दर्शन करने, उनको देख नहीं, देखा कहने को मंदिर गया था।

अष्ट द्रव्यों के गुणों की जानकारी 

मुनिश्री ने पूजन के अष्ट द्रव्यों के गुणों के बारे जानकारी देते हुए बताया कि शुरू के तीन द्रव्य जल चंदन अक्षत और अंत के तीन दीप धूप व फल ये दाएं बाये अच्छे है। बीच के पुष्प व नैवेद्य जो संसार परिभ्रमण का कारण है। जो इनमें अपना जीवन को सफल बना सकता व जीवन को बर्बाद ही कर सकता है। इसमें सब कुछ भावों का महत्व है।

मुनिश्री के सानिध्य में पुस्तक का विमोचन 

आज आरती सनतजी जैन इंदौर के द्वारा पुस्तक ‘सारथ स्त्रोत्र संचय एवं विधियों का विधान‘ पुस्तक का विमोचन मुनिश्री के सानिध्य समाज अध्यक्ष महेश जैन व मुनिसेवा समिति के अध्यक्ष सचिन जैन, सचिव संजय संस्कार मुनिसेवा समिति सदस्य ने किया इस दौरान बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित रहे। पुस्तक मुनिश्री को दी गई। कार्यक्रम का संचालन समाज सचिव दीपक प्रधान ने किया आहारचर्या चौका नंबर तीन मीना अनिल जैन के यहां सम्पन्न हुई।

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