राजीव सिंघई जैन समाज के सभी पंथ इस आंदोलन में जुड़े हुए हैं। जैन मत के अनुसार 20 तीर्थंकर भगवान एवं करोड़ों मुनिराज इस पर्वत से मोक्ष गए हैं। लाखों साल के इस तीर्थ क्षेत्र का व्यापक इतिहास है। जैन धर्म के लोगों की आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र है।
पहाड़ क्षेत्र में मांस मदिरा का सेवन रोके सरकार
झारखंड और केंद्र सरकार द्वारा इस तीर्थस्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के बाद से यहां पर बड़े पैमाने पर सामाजिक-कार्य शुरू हो गए हैं। पहाड़ पर पर्यटक मांस मटन और शराब का सेवन कर रहे हैं। जैन धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुसार पहाड़ की वंदना भी नहीं कर पा रहे हैं।
पहली बार जैन धर्म की आस्था में इस तरह का प्रहार किया गया जिसके कारण पूरे देश में हर राज्य में गांव कस्बे से लेकर हर शहर में आंदोलन जुड़ गए हैं। वृद्ध बच्चे और सभी पंथ के जैन श्रद्धालु नाचते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं।
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