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12 दिवसीय वृहद भक्तामर विधान का चौथा दिन : भक्तामर स्तोत्र की महिमा का बखान – मुनि पूज्य सागर


अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के धर्म प्रभावना रथ के चौथे पड़ाव में संविद नगर, कनाडिया रोड, आदिनाथ जिनालय में 12 दिवसीय वृहद महामंडल विधान के चौथे दिन के मुख्य पुण्यार्जक सौधर्म जया सूरजमल सालगिया और सौधर्म इन्द्र डी के जैन डीएसपी ने भक्तमर काव्य के 224 अर्घ्य समर्पित कर आदिनाथ भगवान की आराधना की। इस अवसर पर मुनिश्री के प्रवचन भी हुए। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…


इंदौर। अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के धर्म प्रभावना रथ के चौथे पड़ाव में संविद नगर, कनाडिया रोड, आदिनाथ जिनालय में 12 दिवसीय वृहद महामंडल विधान के चौथे दिन के मुख्य पुण्यार्जक सौधर्म जया सूरजमल सालगिया और सौधर्म इन्द्र डी के जैन डीएसपी ने भक्तमर काव्य 13, 14, 15, 16 के 224 आज तक कुल 896 अर्घ्य समर्पित कर आदिनाथ भगवान की आराधना की ।

शान्तिधारा, दीपप्रज्जवन, शास्त्र भेंट और मुनि श्री के पाद प्रक्षालन करने का लाभ जया सूरजमल सालगिया परिवार और बोबड़ा परिवार को मिला।

भक्तामर विधान की महिमा

अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज ने न धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम जो भक्तामर विधान की आराधना उपासना कर रहे हैं वह निश्चित रूप से ही केवल ज्ञान प्राप्ति करने की समर्थ और शक्ति देता है।

मुनिश्री ने कहा कि जिनवाणी का एक शब्द भी अगर हमारे जीवन में उतर जाए तो अशुभ कर्म को काटने की शक्ति मिल जाती है।

जैन धर्म एक परिपूर्ण धर्म है मात्र तीर्थंकर के अलावा इसे पूरा कोई समझ नहीं पाया है।

भक्तामर स्त्रोत जैन आगम का महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें मंत्र, यंत्र, बीजाअक्षरों का संपूर्ण समावेश है।

भक्तामर स्त्रोत वसंततिलका छंद में लिखा गया है और यह आचार्य मांगतुंगजी द्वारा लिखा गया है। इसमें 48 श्लोक हैं कुल मिलाकर 2688 अक्षर और 4032 मात्राएं हैं।

हर एक छंद में 56 अक्षर और 84 मात्राएं हैं। इसके पीछे की कहानी यह है की आचार्य मानतुंग को जब राजा भोज ने जेल में बंद करवा दिया था।

और उस जेल के 48 दरवाजे थे जिन पर 48 मजबूत ताले लगे हुए थे। तब आचार्य मानतुंग ने भक्तामर स्तोत्र की रचना की तथा हर श्लोक की रचना ताला टूटता गया।

यह भी रहे मौजूद

धर्म सभा में पुष्पा कासलीवाल, आनंद कासलीवाल और समाज के सचिव महावीर जैन, महावीर सेठ,पवन मोदी, राजेश जैन, जया सालगिया, तल्लीन जैन ,लाल मंदिर कनाडिया रोड महिला मंडल, व अन्य समाजजन मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन महावीर जैन ने किया। विधि- विधान का कार्य नितिन जैन, अनुराग जैन द्वारा किया गया ।

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