मुनिश्री आदित्य सागरजी को 38 वर्ष की अल्पायु में सबसे अधिक ग्रंथों का सृजन करने पर मप्र के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने जीनियस अवार्ड से अलंकृत किया है। मुनिश्री को मिले इस सम्मान से जैन समाज में हर्ष व्याप्त है। समाज ने इसे नायाब उपलब्धि बताया है। पढ़िए इंदौर से यह खबर…
इंदौर। भोपाल में रविवार को श्रुत्रसंवेगी मुनिश्री आदित्य सागरजी को 38 वर्ष की अल्पायु में सबसे अधिक ग्रंथों का सृजन करने पर मप्र के डिप्टी सीएम ने जीनियस अवार्ड से अलंकृत किया है। मुनिश्री आदित्यसागरजी सर्वाधिक जनहितैषी संदेशों को लिखने वाले सबसे अधिक भाषा के जानकार है। मुनि श्री आदित्य सागर जी को जीनियस अवार्ड से उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सम्मानित किया है।
राजेश जैन दद्दू ने बताया कि आचार्यश्री विशुद्ध सागर के परम शिष्य मुनिश्री आदित्य सागर जी ने ये उपलब्धि प्राप्त कर श्रमण संस्कृति को गौरवान्वित किया है। इस उपलब्धि पर जैन समाज हर्षित हुआ है। आपकी इस उपलब्धि पर दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेंद्र जैन, आजाद जैन, हंसमुख गांधी, टीके वेद, मयंक जैन, विजेंद्र सोगानी आदि ने खुशी जाहिर की।
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