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दांत की बीमारियां हैं तो हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा

  • भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एक हजार हार्ट मरीजों पर शोध

जयपुर । भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के दंत चिकित्सा विभाग द्वारा एक हजार से ज्यादा जन्मजात हृदय मरीजों पर किए गए शोध में नया खुलासा हुआ है। शोध में सामने आया है कि दांत दर्द को सामान्य मानकर या यह सोचकर कि अपने आप या कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा, लोग डेंटिस्ट के पास नहीं जाते हैं। लेकिन ऐसा सोचने वालों को यह नहीं मालुम होता है कि दांत दर्द हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। यह दर्द एनजाइना पेक्टोरिस या दिल की ऐंठन के लक्षण हो सकता है जो हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण होता है। यह जबड़े के बाईं ओर एक दर्द पैदा कर सकता है। मसूड़ों में संक्रमण जैसी स्थिति में तो मरीजों में हृदय रोग और मधुमेह का जोखिम ज्यादा बढ़ गया है।

ऐसे में आपको अलर्ट होने की जरूरत है। विभागाध्यक्ष डॉ. अनुज भार्गव ने बताया कि किस भी इंसान के मुंह में करीब 700 तरह के खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं। दांतों की परत में कई बैक्टीरिया होते हैं। भोजन के दौरान यह हृदय तक पहुंच जाते हैं। जहां परत अटकती है, वहां ब्लॉक बनने लगते हैं।

स्वाद में बदलाव तो डॉक्टर से करें सम्पर्क
दंत विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर लंबे समय तक दांत में दर्द बना रहे, मुंह में सड़न या स्वाद में बदलाव हो तो डॉक्टर से जरूर चेक कराना चाहिए। माउथवॉश बैक्टीरिया खत्म करने के लिए सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है। जानकारों की माने तो मिठाइयों में कई बैक्टीरिया पाए जाते हैं। बैक्टीरिया एसिड का उत्पादन कर दांतों के इनामेल को नुकसान पहुंचाते हैं। दांतों की नियमित सफाई न होने से स्थिति और भी बदतर हो जाती है। कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पीना, डिब्बाबंद जूस दांतों के लिए काफी नुकसानदेह है। हां, ताजा जूस पीने से दांतों को कोई नुकसान नहीं होता। और सेहत भी बेहतर होती जाती है।

दांत खराब होने की अन्य वजहें
ज्यादा कॉफी पीने से दांतों पर पीलापन जमता है जो ब्रश करने पर भी दूर नहीं होता।
दांत से बोतलों के ढक्कन खोलने पर दांतों में दरारें आने लगती हैं। दांत कमजोर होकर टूट भी सकते हैं।

ज्यादा मात्रा में बर्फ खाना, कैंडी का अधिक इस्तेमाल भी दांतों के लिए भारी नुकसानदेह।
मसूड़ों की बीमारियों से बचाव न करना डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का कारण भी।

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प्रकाश श्रीवास्तव

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