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बड़ा जैन मंदिर मुरैना में हुआ चातुर्मास कलश स्थापना समारोह : जीव दया, अहिंसा का पालन करना ही चातुर्मास है – शिवानंद महाराज


 वर्षायोग के मध्य विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे, जिनके माध्यम से आम बंधुओं को धर्म दे जोड़ने के साथ साथ संयम के साथ जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। चार माह में साधु संत अपनी लेखनी से नवीन पुस्तकों को लिखते हैं साथ ही अपनी वाणी से लोगों को संयम के पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं, यही चातुर्मास होता हैं। उक्त उद्गार जैन संत मुनिश्री शिवानंद जी महाराज ने नगर में चातुर्मास कलश स्थापना के अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। पढ़िए मनोज जैन नायक की रिपोर्ट…


मुरैना। बरसात के चार माह में असंख्यात जीवों की उत्पत्ति होती है। चूंकि जैन साधु साध्वी सदैव पद विहार करते हैं। पद विहार करते समय किसी जीव की हिंसा न हो, इसी लिए वर्षाकाल के चार माह जैन संत किसी एक स्थान पर रुककर आत्म साधना करते हैं, बस यही चातुर्मास कहलाता है । चार माह साधु मुनिराज स्वयं तो आत्म साधना करते ही हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी आत्म साधना करने के लिए प्रेरित करते हैं। वर्षायोग के मध्य विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे, जिनके माध्यम से आम बंधुओं को धर्म दे जोड़ने के साथ साथ संयम के साथ जीवन जीने की कला सिखाई जाती है

। चार माह में साधु संत अपनी लेखनी से नवीन पुस्तकों को लिखते हैं साथ ही अपनी वाणी से लोगों को संयम के पथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं, यही चातुर्मास होता हैं। उक्त उद्गार जैन संत मुनिश्री शिवानंद जी महाराज ने नगर में चातुर्मास कलश स्थापना के अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

प्राप्त किया आशीर्वाद

अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य युगल मुनिराज श्री शिवानंद जी महाराज एवं मुनिश्री प्रश्मानंद जी महाराज के पावन मंगलमय वर्षायोग हेतु गुप्ता वैकंट हॉल में मंगल कलश स्थापना का भव्य समारोहबका आयोजन किया गया। समारोह में मुरैना सांसद शिवमंगल सिंह तोमर, विधायक दिनेश गुर्जर, अंबाह नगर पालिका अध्यक्षअंजली जिनेश जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेशपाल गुप्ता सहित अनेकों प्रमुख हस्तियां सम्मिलित हुई। सभी ने पूज्य मुनिराजों से शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया।

हुआ मांगलिक कार्यक्रम 

मंगल कलश स्थापना समारोह में आचार्य शांतिसागर कलश की स्थापना सुनील जैन मोना जनरेटर, इंजीनियर भूपेंद्र जैन ग्रीनपार्क, जिनेश जैन अंबाह, धन्नालाल जैन निर्माण विहार एवम आचार्य विद्यानंद कलश की स्थापना राकेश कुमार, सुनील, मुकेश जैन पलपुरा परिवार एवम आचार्य वसुनंदी कलश की स्थापना भागचंद, राजेंद्र, विनोद जैन तार भंडारी परिवार द्वारा की गई । शेष कलश प्रेमचंद पंकज जैन बंदना साड़ी, मीना जैन शकरपुर, प्रवीण सिद्धार्थ जैन दिल्ली, बच्चूलाल गुप्ता अम्बाह, रमाशंकर शुभम जैन नायक गढ़ी, विजय गुप्ता अंबाह, भूपेश रजनी जैन, निकेता जैन फरीदाबाद द्वारा की गई।समारोह के प्रारंभ में बाहर से पधारे हुए अथितियो द्वारा आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के चित्र का अनावरण किया गया। जैसवाल जैन धर्मशाला कमेटी महावीर जी द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया । मंगलाचरण के पश्चात मंचासीन पूज्य युगल मुनिराजों का पाद प्रक्षालन सुनील जैन दिल्ली, जिनेश जैन अंबाह, ओमप्रकाश जैन, रूपेश जैन, धन्नालाल जैन एवम प्रवीण जैन बड़ौत द्वारा किया गया। पूज्य युगल मुनिराजों को बड़ौत निवासी प्रवीण जैन के साथ साथ अनेकों बंधुओं ने शास्त्र भेंट किए। समारोह में मंच संचालन संजय शास्त्री सिहोनिया एवम बाहर से आमंत्रित अन्य विद्वानों द्वारा किया गया। समारोह में नन्हें मुन्ने बच्चों द्वारा मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई । समारोह से पूर्व बड़ा जैन मंदिर मुरैना से कार्यक्रम स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। वर्षायोग मंगल कलश स्थापना में राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारतवर्ष से हजारों की संख्या में साधर्मी बंधु उपस्थित थे ।

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