जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर का मोक्ष कल्याणक पर्व फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज द्वारा सभी प्रोविंसेज के प्रतिनिधि गावों-कस्बों और शहरों में पारंपरिक श्रद्धा एवं भक्ति भाव से मनाया गया। इस अवसर पर प्रातः जलाभिषेक कर प्रभु चंद्र प्रभ की पूजा की गई और निर्वाण कांड का पाठ कर मुक्ति के प्रतीक निर्वाण लाडू अर्पित किए गए। चंद्रप्रभ स्वामी का जन्म बनारस, उत्तर प्रदेश के चंद्रावती गांव में हुआ था और वे ललित कूट सम्मेद शिखरजी से फाल्गुन शुक्ल सप्तमी तिथि को निर्वाण प्राप्त हुए थे। पढ़िए बांसवाडा की यह पूरी खबर…
बांसवाडा। जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभ स्वामी का मोक्ष कल्याणक पर्व फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज द्वारा सभी प्रोविंसेज के प्रतिनिधि गावों-कस्बों और शहरों में पारंपरिक श्रद्धा एवं भक्ति भाव से मनाया गया। फेडरेशन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत कोठिया ने बताया कि इस अवसर पर प्रातः जलाभिषेक कर प्रभु चंद्र प्रभ की पूजा की गई और निर्वाण कांड का पाठ कर मुक्ति के प्रतीक निर्वाण लाडू अर्पित किए गए।
अष्टांहिका पर्व की शुभकामनाएं दी
फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन गांधी, राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र बंडी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुरेंद्र चांपावत, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. निधि गांधी, कौशल्या पतंग्या, प्रवीण जैन, रमेश वगैरिया, वीरेंद्र धनावत, डॉ.श्रेणिक शाह, धनपाल जैन सरोदा, रमेश भूता, अशोक शाह, हंसमुख जैन गांधी, देवेंद्र छापिया, भरत कोरावत सहित सभी सदस्यों ने सभी साधर्मी बंधुओं तथा अहिंसा प्रेमियों को चंद्रप्रभ निर्वाण दिवस एवं 7 मार्च से प्रारंभ हो रहे अष्टांहिका पर्व हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दी है।
निर्वाण लाडू अर्पित किए
कोठिया ने बताया कि चंद्रप्रभु निर्वाण दिवस पर आचार्य सुनील सागरजी महाराज, आचार्य सुंदर सागरजी महाराज, आचार्य वर्धमान सागरजी महाराज, गणिनी प्रमुख ज्ञानमति माताजी, आर्यिका रत्नविज्ञानमति माताजी, मुनि आज्ञासागरजी के संसंघ सानिध्य में प्रभु को भक्तों द्वारा निर्वाण लाडू अर्पित किए गए।
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