सारांश
ज्योतिषिय गणना के अनुसार वर्ष 2023 में कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण हैं और दो चंद्र ग्रहण। चारों में से केवल एक चंद्र ग्रहण ही भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा। ज्योतिष के अनुसार इन ग्रहण का देश एवं विश्व पर मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। जहां एक ओर व्यापार एवं व्यवसाय के अवसर बढेंगें वहीं राजनीतिक अस्थिरता एवं प्राकृतिक आपदा एवं अपराध में बढोत्तरी होने की आशंका रहेगी।
नए साल में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्यग्रहण होंगें। इनमें से दोनों चंद्रग्रहण तो भारत में नजर आएंगे लेकिन सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं दिखाई देगा। नए साल में सिर्फ दो चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखेंगे। जिनका धार्मिक महत्व भी रहेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2023 में चार ग्रहण लगेंगे लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार संवत 2080 में 6 ग्रहण लगेंगे। यह 6 ग्रहण 20 अप्रैल, 5 मई, 14 अक्टूबर, 29 अक्टूबर 2023 और 25 मार्च 2024 एवं 8 अप्रैल 2024 को लगेंगे।
पहला ग्रहण
ये कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा। ये ग्रहण दक्षिण.पूर्व एशिया,ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका,प्रशांत और हिंद महासागर में दिखेगा। पंचांग के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगाए जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
दूसरा ग्रहण
5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी चंद्रमा पर पड़ने वाली पृथ्वी की छाया की भी एक और छाया होने से ये ग्रहण नहीं दिखेगा। इसलिए इसका भी धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप,एशिया, ऑस्ट्रेलिया,अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत,अटलांटिक और हिंद महासागर पर रहेगा। नए साल का पहला चंद्र ग्रहण होगाए जो 5 मई शुक्रवार को लगेगा। यह रात 8:45 से लेकर रात 1 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा।
तीसरा ग्रहण
साल का तीसरा 14 अक्टूबर को होगा। ये वलयाकार होगा। जो कि भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए देश में इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा। ये सूर्य ग्रहण टेक्सास से शुरू होकर मेक्सिको के साथ ही मध्य अमेरिकाए कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों से होकर गुजरता हुआ अलास्का और अर्जेंटीना तक दिखाई देगा। यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चौथा ग्रहण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात में होगा। ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा। इस दिन शरद पूर्णिमा रहेगी। ये चंद्र ग्रहण रात एक बज कर 5 मिनट पर शुरू होगा और रात 02:24 पर खत्म होगा। इस तरह करीब 1 घंटे 19 मिनट तक ये ग्रहण रहेगा।
ये चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही एशिया के कई देशों सहित यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी.दक्षिणी अफ्रीका, आर्कटिक, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखेगा। इसका सूतक काल शाम 5 बजे से शुरू हो जाएगा।
यह रहेगी ग्रहों की स्थिति
अंग्रेजी कैलेंडर के नववर्ष का शुभारंभ पौष माह के शुक्ल पक्ष दशमी तिथिए अश्विनी नक्षत्रए सिद्ध योग और रविवार के दिन होगा। नए साल 2023 में सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा। साल के पहले दिन सूर्य रवि तिथि में शनि देव एवं देव गुरु बृहस्पति अपनी राशि में रहेंगे।
ग्रहों की यह स्थिति सर्वोत्तम एवं बेहद शुभकारी होगी। ज्योतिष शास्त्र बताता है कि जब भी कोई ग्रह अपने घर में निवास करता है तो सभी राशियों के लिए बेहतर परिणाम देता है।
मिलाजुला असर देखने को मिलेगा
चार ग्रहणों मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। जहां एक ओर भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, वायुयान दुर्घटना, विश्व में राजनीतिक अस्थिरता, सत्ता संगठन में बदलाव, विश्व में सीमा पर तनाव, देश में आंदोलन, हिंसा, दुर्घटना, उपद्रव और आगजनी होने की संभावना है, वहीं दूसरी ओर इसमें किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने का संकेत मिल रहे हैं।
प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है। व्यापार में तेजी व बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा।
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