मंथन पत्रिका
लोग कहते हैं कि धर्मात्मा व्यक्ति मरकर स्वर्ग जाता है, जबकि वास्तविकता तो यह है कि धर्मात्मा व्यक्ति जहां भी जाता है वहां का वातावरण स्वयं ही स्वर्ग जैसा हो...
जिनागम के अनुसार जैन धर्म में गृहस्थ के छह आवश्यक नियम बताए गए हैं। उनमें से एक हैै स्वाध्याय- मन को संयमित रखने के लिए स्वाध्याय बहुत आवश्यक है। स्वाध्याय...
“विलासिता में डूबा जीवन उधार का,शांति की चाह, लेकिन नाम नहीं विचार का,पतन का कारण है अभाव संस्कार का” आत्मा का शुद्धिकरण करने की क्रिया को संस्कार...
जीवन बहुत जटिल और उतार-चढाव से भरा होता है। जीवन में खुशियां हैं तो दु:ख भी है। देखा जाए तो जीवन के सुख और दु:ख एक दूसरे के पूरक है। इनके बीच में जरूरी संतुलन...