श्रवणबेलगोला के कुशल चित्रकार… स्वामी जी लेखक- स्वस्तिश्री क्षुल्लक अतुल्य सागर (वर्तमान में मुनि पूज्य सागर) स तत् कर्मशील…, मौन संत…...
धर्म
एक कवि किसी प्रसिद्द और सफल मूर्तिकार से मिलने गया। उसकी कला वाटिका में उपस्थित शिल्प की सराहना करते हुए उसने मूर्तिकार से पूछा, ‘आपकी अद्वितीय कला का रहस्य...