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चारूकीर्ति स्वामी की 75वीं जन्मजयंती के उपलक्ष्य में विशेष श्रृंखला-1 : चारूकीर्ति स्वामी जी ने बहुत पहले से अपनी साधना को शुरू कर रखा था – आचार्य श्री वर्धमानसागर जी महाराज

श्रवणबेलगोला के समाधिस्थ बड़े स्वामी जी चारूकीर्ति भट्टारक जी को सामाजिक और धार्मिक योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने समाज में नैतिकता, आध्यात्मिकता और...

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चीरहरण का जिम्मेदार कौन ? : महिलाओं के प्रति सोच को बदलने के लिए सार्थक सामूहिक प्रयास करने होंगे        

महिला पर जब भी विपत्ति आती है तो यही होता है, संस्कारों को बेड़ियां कहकर अथवा सशक्तीकरण की दुहाई देकर अथवा अपराधी और उसके साथियों को आचरण व्यवहार को परिभाषित...

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पर्युषण महापर्व एक सितम्बर से प्रारम्भ : आत्मा की शुद्धि के लिए करेंगे तप व जप

जैन धर्म के पर्युषण पर्व मनुष्य को उत्तम गुण अपनाने की प्रेरणा हैं। इन दिनों जैन धर्मावलंबी व्रत, तप, साधना कर आत्मा की शुद्धि का प्रयास करते हैं और स्वयं के...

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जैन धर्म के अनुसार रक्षाबंधन क्यों? : रक्षा बंधन को सच्चे अर्थों में मनाना है तो बाहर और भीतर से एक समान हों

प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन अत्यंत प्राचीन पर्व है। इसकी परम्परा अठारहवें तीर्थंकर अरहनाथ के तीर्थ से महामुनि विष्णुकुमार के निमित्त से...

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साधना और सेवा का पर्व चातुर्मास 20 जुलाई से शुरू : 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर नहीं जा सकेंगे

जैन समाज में चातुर्मास 20 जुलाई से प्रारंभ होगा। इस दौरान जैन साधु-साध्वी चार माह तक एक ही स्थान पर निवास कर आत्मसाधना करेंगे और करवाएंगे। प्रवचनों और त्याग...

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