पर्यावरण दिवस 5 जून 2021 पर विशेष : प्राणवायु ही नहीं जीवन के आधार हैं वृक्ष पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘परि’ + ‘आवरण’। ‘परि’ का अर्थ है- चारों...
आलेख
मानवीय संवेदनाओं को संक्रमित होने से बचाएं हम सभी अवगत हैं, इन दिनों कोविड के संकट के दौर से पूरा विश्व गुजर रहा है।भारत पर कोरोना का कहर वज्रपात की तरह...
भारतीय संस्कृति में पर्व, त्याहारों और व्रतों का अपना एक अलग महत्व है। ये हमें हमारी सांस्कृतिक परंपरा से जहां जोड़ते हैं वहीं हमारे आत्मकल्याण में भी कार्यकारी...
माँ ही है, जो हमे दुनिया से नौ महीनों ज्यादा जानती है | मां के लिए कोई भी शब्द, लेख या उपाधि कम होगी। उनके प्यार और समर्पण को जिंदगी लगाकर भी जताया नहीं जा...
तीर्थंकर महावीर का उदय ऐसे समय में हुआ, जहाँ मानव क्रूर हिंसा की क्रिया में लिप्त था। हिंसा का बोलबाला था। आज भी जहाँ यह स्थिति परिलक्षित हो रही है इसे पाटने...