सम्मेद शिखरजी पर जिस तरह की स्थितियां बनी हुई हैं । ये तय था कि कभी न कभी पर्यटक,स्थानीय निवासी और जैन श्रद्धालूओं के बीच उलझन होगी ही । इसीलिए लगातार श्रीफल जैन न्यूज़ आगाह करता आया था । शिखरजी क्षेत्र में 28 दिसंबर को हुए विवाद की वजह बताई गई कि स्कूली बच्चों को जैन समाज के लोगों ने इसीलिए रुकने का आग्रह किया क्योंकि यहां अपवित्र तरीके से जूते-चप्पल और खाने-पीने के सामान के साथ लोग आ रहे थे । इस मामले में असामाजिक तत्व पहले ही सक्रिय थे, उन्होनें इस घटना को इस रूप में दर्शाया कि लोगों को रोका गया है । इसके बाद, स्थानीय लोगों ने दुकानें बंद कर दी और विरोध शुरू कर दिया ।
उधर, घटना की जानकारी मिलने के बाद मामला संवेदनशील होने के कारण गिरिहीड के अधिकारी तुरंत एक्शन में आए और बताया गया कि गुरुवार को स्थानीय लोगों और जैन समाज के बीच के मामले को सुलझाने के लिए बैठक करेंगे ।
ये स्थान, देश भर के जैन समाज के लोगों की आस्था से जुड़ा है । इसमें स्थानीय लोगों की बात भी सुनी जाएगी । प्रशासन ने कहा कि इस मामले में गिरिडीह जिले के उपायुक्त ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है ।
2019 का है नोटिफिकेशन, जानिए, अब क्यों हो रही उलझन..
श्रीफल जैन न्यूज़ से बात करते हुए झारखंड के पर्यटन सचिव ने कहा कि नोटिफिकेशन में कुछ नया नहीं है लेकिन कुछ दिन पहले शराब पीते युवकों का वीडियो वायरल हुआ था । इसके बाद विवाद शुरू हुआ ।
धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी । यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे । इस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने से अवांछनीय गतिविधियां बढ़ी हैं ।
झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर नहीं किया गया है। झारखंड सरकार ने इस तरह का कोई प्रपोजल भी नहीं बनाया है। हां, इतना जरूर है कि देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बाद इसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र बनाने पर सरकार विचार कर रही है।
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