बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के धर्म निरपेक्ष भारत के स्वरूप को आज खंडित किया जा रहा है। इतिहास गवाह है कि जब भी किसी धर्म की कट्टरता किसी राजा पर हावी हुई है, तब अन्य धर्मों पर संकट आया है। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट…
इंदौर। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के धर्म निरपेक्ष भारत के स्वरूप को आज खंडित किया जा रहा है। इतिहास गवाह है कि जब भी किसी धर्म की कट्टरता किसी राजा पर हावी हुई है, तब अन्य धर्मों पर संकट आया है। यह सिलसिला जारी है, जिसमें धर्मस्थलों को उनके वास्तविक मूल स्वरूप और हकदारों को सौंपने की बात की जा रही है।
जैन समाज के तीर्थ क्षेत्रों की वापसी का मुद्दा
इस संदर्भ में जैन समाज को भी उनके कई सौ वर्ष पहले कब्ज़ाए गए पुराने तीर्थ क्षेत्रों को वापस सौंपा जाना चाहिए। भारत के जैन समाज भारतीय संविधान में आस्था रखते हैं और वे वर्शिप एक्ट 1991 का सम्मान करते हैं।
गिरनार तीर्थ क्षेत्र पर कब्जा और सरकार की चुप्पी
स्वतंत्र भारत में अब से बीस वर्ष पूर्व विधर्मियों द्वारा कब्ज़ाए गए 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की मोक्ष स्थली गिरनार को मुक्त कराने के मामले में सरकार ने क्यों आँखें मूंद रखी हैं? क्या यह पक्षपात नहीं है? क्या यह दोगलापन नहीं है?
राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ का निवेदन
विश्व जैन संगठन राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ केंद्र सरकार से निवेदन करता है कि हमारे तीर्थ क्षेत्र जैन समाज को वापस दिलवाए जाएं, ताकि हमारे धार्मिक अधिकारों का सम्मान हो सके।
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