- भक्ति एवं श्रद्धा के साथ निर्वाण लाडू भी चढ़ाया गया भगवान पार्श्वनाथ को
न्यूज़ सौजन्य- राजेश दद्दू
इंदौर। भगवान पार्श्वनाथ ने अपने ऊपर उपसर्ग करने वाले भव- भव के बैरी कमठ के प्रति भी विराधना का भाव न रखते हुए क्षमा एवं मैत्री का भाव रखा। कमठ ने पार्श्वनाथ पर जब- जब भी उपसर्ग किया, तब- तब उन्होंने कमठ के प्रति क्षमा भाव रखते हुए उपसर्ग को समतापूर्वक सहा ही था और किसी से कहा भी नहीं था। यदि उन्होंने सहा नहीं होता तो आज हमें उनका मोक्ष कल्याणक मनाने का सौभाग्य नहीं मिलता। हम सभी मोक्ष चाहते हैं तो अपने जीवन व व्यवहार में पार्श्वनाथ जैसी समता, क्षमा एवं मैत्री भाव प्रकट करें और क्रोध- कषाय से मुक्त होकर सभी जीवों के प्रति मैत्री एवं क्षमा का भाव रखें।
यह उद्गार भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस के उपलक्ष्य में मुनि श्री आदित्यसागर जी महाराज ने समोसरण मंदिर, कंचन बाग में धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। निर्वाण कल्याणक के उपलक्ष्य में भगवान पार्श्वनाथ की संगीतमय पूजन, भक्ति एवं श्रद्धा के साथ निर्वाण लाडू भी चढ़ाया गया जिसे चढ़ाने का सौभाग्य बोली के माध्यम से श्री आजाद कुमार टोबैकोनिस्ट, श्रीमती रानी अशोक डोषी, मनोज मुकेश बाकलीवाल एवं राहुल गोधा ने प्राप्त किया। इस अवसर पर पंडित रतनलाल शास्त्री, टी के वेद, डॉक्टर जैनेंद्र जैन, हंसमुख गांधी, अरुण सेठी, राजेंद्र सोनी, कमलेश कासलीवाल एवं समोसरण ग्रुप, श्राविकाश्रम, महिला मंडल के सदस्य, पदाधिकारी एवं शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आए समाज श्रेष्ठी उपस्थित थे।