न्यूज़ सौजन्य-कुणाल जैन
प्रतापगढ़। आचार्य सुन्दर सागर जी महाराज ने भक्तजनों और श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा है कि भगवान महावीर के पावन शासन में हम और आप बैठे हैं। ऐसी दिव्य वाणी सुनने के बाद मिथ्या मिट जाता है। कुन्दकुन्द स्वामी जी समयसार में कहते हैं कि आत्मा स्वतंत्र है। अनादिकाल से आत्मा स्वतंत्र थी, है और स्वतंत्र रहेगी। आत्मा स्वतंत्र है, यह सुनने से आनंद आया होगा। पर ये मानकर चलना कि आत्मा स्वतंत्र है, ये सुनकर प्रसन्नता आई तो पर के कहने से आनंद आया। जब पर के कहने से आपको इतना आनंद आया तो आप जब स्वयं एहसास करोगे तो कितना आनंद आएगा। आत्मा परतंत्र नहीं होती है, स्वतंत्र होती है।
उन्होंने आगे कहा कि आज भारत 75 वर्ष का हो गया है। भारतवासियों ने खून बहाया तब हम स्वतंत्र भारतीय बने। घर-घर में तिरंगा लहराया जा रहा है, हर तरफ खुशी है। हर जगह तिरंगे की शान है। इस तिरंगे का सम्मान करिए। इस तिरंगे के लिए कितनी माताओं ने अपने पुत्रों को खोया है। तिरंगा आपाक है। ये फर्क नहीं पड़ता कि आप किस समुदाय से हैं क्योंकि आप भारत में रहते हैं। तिरंगे का सम्मान करना आपका कर्तव्य है।