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असाध्य रोग से लड़ते हुए भी गुरु सेवा में अग्रणी थे नरेंद्र शाह-मुनि पूज्य सागर


गुरुभक्त शाह के अल्पवय में निधन पर देश भर के जैन मुनियों-आर्यिकाओं ने किया शोक व्यक्त


सागवाड़ा। सभी गुरु भगवन्तों और भट्टारकों की सेवा में अग्रणी रहने वाले वागड के सर्राफा व्यवसायी नरेंद्र केसरीमल शाह सागवाड़ा के निधन पर देश भर के जैन मुनियों, भट्टारकों और आर्यिकाओं ने शोक व्यक्त किया है। स्वस्तिश्री भट्टारक देवेंद्रकीर्ति स्वामी, आचार्य सुन्दर सागर, आचार्य सुनील सागर, आचार्य कनकनन्दी, मुनि पूज्य सागर सहित देश भर संतों और आर्यिकाओं ने शाह के निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुनि पूज्य सागर ने कहा कि नरेंद्र शाह की गुरुभक्ति सेवा सबके लिए सदैव अनुकरणीय रहेगी। उन्होंने शाह की पत्नी प्रेरणा शाह को भेजे गए शोक संदेश में लिखा कि नरेंद्र जी ने उन्हें पिता की तरह स्नेह दिया और धर्म आराधना में हर क्षण प्रेरणा प्रदान की और भरपूर सहयोग दिया। क्षुल्लक अवस्था के साथ मुनि बनने एवं उसके बाद भी व्रतों की पालना में उन्होंने अपना हरसंभव योगदान देकर संत सेवा की मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में क्षुल्लक अवस्था में उन्होंने परिवार सहित जो सेवा की थी, उसी के कारण आज वह महाव्रतों का पालन कर पा रहे हैं। नरेंद्र शाह के पुनीत कार्यों को समाज सदैव याद रखेगा। कर्म और धर्म के प्रति उनका समर्पण सदैव उन्हें जीवंत रखेगा। मुनि पूज्य सागर ने कहा कि शाह ने अपने परिवार में धर्म और संस्कार का जो बीजारोपण किया है, वह वट वृक्ष की भांति समाज को शांति और समृद्धि की छाया देता रहेगा।
मुनि पूज्य सागर की धर्म मां प्रेरणा शाह आदिसागर अंकलीकर महिला जागृति मंच की राष्ट्रीय अध्यक्षा हैं और श्रीफल फाउंडेशन की ट्रस्टी हैं। श्रीफल फाउंडेशन की ओर से भी नरेंद्र शाह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।

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तुष्टी जैन, उपसंपादक

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