सारांश
सम्मेद शिखर जी के मामले पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने झारखंड के अधिकारियों को तलब कर उनसे मामले की जानकारी करनी शुरु कर दी है । सत्रह जनवरी को दिल्ली में नोटिस की सुनवाई में जैन समाज की ओर से संजय जैन मौजूद रहे ।
भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के रूप में मिले अधिकारों को चुनौती देने वाले झारखंड सरकार के कृत्य को लेकर कार्रवाई शुरु हो गई है । राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग,नई दिल्ली ने श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता और पर्यावरण संरक्षण के लिए केंद्रीय वन मंत्रालय और झारखण्ड सरकार को जारी नोटिस की सुनवाई की। इस सुनवाई में केंद्रीय वन मंत्रालय के अधिकारी और झारखण्ड सरकार के पर्यटन सचिव श्री मनोज कुमार उपस्थित हुए। विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने 27 जनवरी और 17 मार्च 2022 को केंद्र व झारखण्ड सरकार से मांगो के लिए आयोग को अवगत कराया गया था। आयोग ने लगभग 40 मिनट के हियरिंग समय में केंद्र व झारखण्ड सरकार के पदाधिकारियों और संजय जैन की दलीलों को विस्तृत रूप से सुना और लिखित में जमा करने के निर्देश दिये।
ये है मामले में तथ्य
बिना जैन समाज की सहमति के केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा 2 अगस्त 2019 को झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर जारी गजट और झारखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने के लिए गजट जारी किया गया ।2020 में। इस पर चर्चा हुई और केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा 5 जनवरी 2023 को जारी ऑफिस ज्ञापन में कमियों से अवगत कराते हुए मांगो पर संज्ञान लेकर 2 अगस्त 2019 के गजट के समान नया गजट जारी करने के लिए निवेदन किया।जैन समाज की ओर से दलील दी गई है कि देशी विदेशी व्यापारिक कंपनियों के आ जाने से सम्मेद शिखर जी की पवित्रता, पर्यावरण और लोगो की जीविका पर इसका दुष्प्रभाव रहेगा ।
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