रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी ने जीवदया का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। अपनी पदयात्रा के दौरान 250 मुर्गियों को बूचड़खाने जाने से रोका। उनकी देखभाल का जिम्मा लिया। अहिंसा परमो धर्मः का इससे बेहतर उदाहरण दूसरा कोई हो नहीं सकता। इंदौर से पढ़िए रेखा जैन और राजीव सिंघई की यह खबर…
इंदौर। एक ऐसी खबर जो न केवल करुणा और दया का संदेश देती है, बल्कि जीव रक्षा की प्रेरणा भी देती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी इन दिनों अपनी 140 किमी लंबी पैदल यात्रा को लेकर चर्चा में हैं। यह यात्रा जामनगर से द्वारका तक की है और अनंत ने इस दौरान कुछ ऐसे कदम उठाए, जो लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। यात्रा के दौरान अनंत ने एक ट्रक में करीब 250 मुर्गियों को बूचड़खाने ले जाते देखा। उन्होंने तुरंत ट्रक रुकवाया। ड्राइवर से बातचीत की और मुर्गियों को दोगुनी कीमत पर खरीद लिया। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि वे इन मुर्गियों की देखभाल करेंगे। आज के दौर में जहां व्यवसायिकता और लाभ को ही सर्वाेपरि माना जाता है, वहां एक उद्योगपति का ऐसा कार्य यह सिद्ध करता है कि इंसानियत सबसे ऊपर है। भारत में अहिंसा और जीव दया की परंपरा सदियों पुरानी रही है। भगवान महावीर ने अपने संदेश में अहिंसा परमो धर्म कहा है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि किसी देश की महानता और नैतिक प्रगति इस बात से आंकी जाती है कि वह अपने पशुओं के साथ कैसा व्यवहार करता है।
अनंत अंबानी का यह कार्य इस बात का प्रमाण है कि जब हम जीवों के प्रति संवेदनशील होते हैं, तब हम न केवल उनका जीवन बचाते हैं, बल्कि अपनी आत्मा को भी शुद्ध करते हैं। दया और करुणा की कोई कीमत नहीं होती, लेकिन उसका प्रभाव असीम होता है। हमें भी चाहिए कि हम अपने आसपास के जीवों के प्रति संवेदनशील बनें, उनकी रक्षा करें और अहिंसा धर्म का पालन करें। आपको बता दे यह यात्रा अनंत ने 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू की थी और वे इसे 10 अप्रैल तक पूरा करेंगे। जब वे द्वारका पहुंचकर अपना 30वां जन्मदिन मनाएंगे।
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