अब वो दौर गुजर चुका जब प्रेम कहानिया परवान चढ़ा करती थी। आजकल परवान भी चढ़ती है और विभत्स रूप में सामने भी आती है। प्रेम, अब प्रेम न रहा सौदा हो गया। साथ ही दर्द से सराबोर हो गया। अमर प्रेम की दास्तानें अब सिर्फ फिल्मों के पर्दे में ही सिमटकर रह गई है। पढ़िए इंदौर से मनीषा जैन की यह पूरी खबर….
इंदौर। एक दौर था जब प्रेम कहानियाँ ताजमहल में दर्ज होती थीं। शाहजहाँ ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया, लैला-मजनू की मोहब्बत अमर हो गई और हीर-रांझा की कहानी सुनकर लोग प्यार की कसमें खाते थे। लेकिन अब प्रेम का रूप बदल गया है। अब न ताजमहल, न अमर प्रेम। अब ‘ड्रम‘ मोहब्बत की नई पहचान बन चुका है। प्यार अब एक ट्रेंड बन चुका है। ’जब तक अच्छा लगे, तब तक प्यार वरना ड्रम तैयार!‘’
जहर दे देंगे, ड्रम में भर देंगे!
कभी प्रेम में लोग कहते थे-‘तुम दिन को अगर रात कहो तो रात कहेंगे, सो साल पहले मुझे तुमसे प्यार था आज भी है और कल भी रहेगा। तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है अंधेरे में भी मिल रही रोशनी है।‘ लेकिन अब मोहब्बत के मायने बदल चुके हैं। ‘तुम कहो तो जहर दे देंगे, तुम कहो तो ड्रम में भर देंगे!‘
बेटों के लिए भी आंसू बहने लगे
हाल ही में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ प्रेम का अंत न तो किसी इमारत में हुआ और न ही अमर प्रेम कहानी के रूप में, बल्कि ड्रम और सीमेंट में सिमटकर रह गया। ’जिसे अपना समझा था, उसी ने छल किया, प्यार के नाम पर एक निर्दाेष का कत्ल किया।’ मुस्कान ने अपने प्रेमी सौरभ की हत्या कर उसे ड्रम में बंद कर सीमेंट से पक्की तरह सील कर दिया। सौरभ तो बस अपना घर बचाना चाहता था, मुस्कान से अंधा प्यार करता था बस यही गुनाह था शायद… वह तलाक नहीं चाहता था। लेकिन उसकी इसी चाहत ने उसकी जान ले ली। ’आखिर क्यों कर दिए मुस्कान ने टुकड़े?’ ’कल तक गूंजती थी एक पुकार-‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ बार-बार,’ ’अब हालात कुछ ऐसे हो गए, बेटों के लिए भी आंसू बहने लगे!’
ब्रेकअप के बाद ’ब्लॉक’, अब ’सीमेंट से लॉक’
पहले लड़कियाँ ब्रेकअप के बाद ’ब्लॉक’ करती थीं, अब ’सीमेंट से लॉक’ करने लगी हैं! कभी प्रेम त्याग और समर्पण का प्रतीक था, लेकिन आज यह शक, धोखा और अपराध का नया चेहरा बनता जा रहा है। ’क्या यही नए दौर की प्रेम कहानी है?’
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