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उत्तम आकिंचन्य धर्म पर हुई धर्म प्रभावना : जैन मंदिर में जम्बू स्वामी का वैराग्य के नाटक की भावनात्मक प्रस्तुति दी


शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 7 आवास विकास कालोनी सिकंदरा में पर्युषण महापर्व के मौके पर आज उत्तम आकिंचन धर्म के दिन उपरांत सामूहिक आरती और संगीत मय पूजन किया गया। विधि विधान की क्रिया शुभम जैन शास्त्री मथुरा द्वारा कराई गई l सर्व प्रथम मूलनायक भगवान श्री शांतिनाथ जी का अभिषेक 4 महानुभावों द्वारा अभिषेक किया l पढ़िए राहुल जैन की रिपोर्ट…


आगरा। शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 7 आवास विकास कालोनी सिकंदरा में पर्युषण महापर्व के मौके पर आज उत्तम आकिंचन धर्म के दिन उपरांत सामूहिक आरती और संगीत मय पूजन किया गया। विधि विधान की क्रिया शुभम जैन शास्त्री मथुरा द्वारा कराई गई l सर्व प्रथम मूलनायक भगवान श्री शांतिनाथ जी का अभिषेक 4 महानुभावों द्वारा अभिषेक किया l चारों इंन्द्र द्वारा रजत मुकुट और माला धारण कर रजत झारियौं से पांडुक शिला पर विराजमान श्री पदम प्रभू भगवान की शांति धारा भी की गई। अस्सी पुजारियों ने पांडुक शिला पर विराजमान श्री चंद्राप्रभू भगवान का अभिषेक किया।

उपरांत सामूहिक आरती संगीत मय पूजन किया गया विधि विधान की क्रिया श्री शुभम जैन शास्त्री मथुरा द्वारा कराई गई। पंडित शुभम जैन शास्त्री जी ने बताया कि आत्मा के अपने गुणों के सिवाय जगत में अपनी अन्य कोई भी वस्तु नहीं है इस दृष्टि से आत्मा अकिंचन है। अकिंचन रूप आत्मा-परिणति को आकिंचन करते हैं। जीव संसार में मोहवश जगत के सब जड़ चेतन पदार्थों को अपनाता है, किसी के पिता, माता, भाई, बहिन, पुत्र, पति, पत्नी, मित्र आदि के विविध सम्बंध जोड़कर ममता करता है। मकान, दूकान, सोना, चाँदी, गाय, भैंस, घोड़ा, वस्त्र, बर्तन आदि वस्तुओं से प्रेम जोड़ता है।

शरीर को तो अपनी वस्तु समझता ही है। इसी मोह ममता के कारण यदि अन्य कोई व्यक्ति इस मोही आत्मा की प्रिय वस्तु की सहायता करता है तो उसको अच्छा समझता है, उसे अपना हित मानता है। और जो इसकी प्रिय वस्तुओं को लेशमात्र भी हानि पहुँचाता है उसको अपना शत्रु समझकर उससे द्वेष करता है, लड़ता है, झगड़ता है इस तरह संसार का सारा झगड़ा संसार के अन्य पदार्थों को अपना मानने के कारण चल रहा है। कार्यक्रम संयोजक कौमी जैन एवं मनोज जैन ने श्री शान्तिनाथ पाठशाला के छोटे-छोटे बच्चों ने एक नाटिका जम्बू स्वामी का वैराग्य नाटक की प्रस्तुति की l

भगवान जम्बू स्वामी का वैराग्य के नाटक की शानदार प्रस्तुति दी l दो घंटे के नाटक में जम्बू कुमार से जम्बू स्वामी तक का विस्तृत वर्णन किया था। समाज की महिलाओं और बच्चों की जीवन्त प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। मंच संचालन अनिल आदर्श जैन ने किया l श्री शांतिनाथ मंदिर प्रबंध कमेटी के राजेश बैनाड़ा, विजय जैन निमोरब, मगन कुमार जैन, महेश चंद जैन, अनिल आदर्श जैन, अरुण जैन, राकेश जैन पेंट, मनोज जैज, जितेश जैन, राकेश जैन, मोहित जैन, आलोक जैन, विपुल जैन, आशीष जैन, अनन्त जैन मीडिया प्रभारी राहुल जैन आदि थे। मीडिया प्रभारी राहुल जैन ने बताया कि 17 सितम्बर को अनन्त चौदस पर सुबह 8:00 बजे से शाम को भव्य आरती होगी l

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