श्रमण संस्कृति के महान संतों में अग्रणी देश के सर्वश्रेष्ठ आगम अनुकूल चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का आज 17वां आचार्य पदारोहण दिवस है। आज ही के दिन 31अप्रैल 2007 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में आपके दीक्षा गुरु गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने हजारों लोगों और श्रावक श्रेष्ठियों की उपस्थिति में आपको आचार्य पद प्रदान किया था। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट….
इंदौर। श्रमण संस्कृति के महान संतों में अग्रणी देश के सर्वश्रेष्ठ आगम अनुकूल चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का आज 17वां आचार्य पदारोहण दिवस है। आज ही के दिन 31अप्रैल 2007 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में आपके दीक्षा गुरु गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने हजारों लोगों और श्रावक श्रेष्ठियों की उपस्थिति में आपको आचार्य पद प्रदान किया था।
हाल ही आचार्य श्री अपने ससंघ सानिध्य में इंदौर के गोधा स्टेट में संपन्न लघु तीर्थ स्वरूप जिनालय सुमति धाम में देश का सबसे बड़ा और बहुचर्चित एवं ऐतिहासिक पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न किया था। इसके बाद उन्होंने चैत्र माह की तपती दोपहरी में महाराष्ट्र के पुणे शहर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा हेतु पदत्राण विहीन चरणों से पद यात्रा करते हुए आज सुबह कोपरगांव में प्रवेश किया है, जहां आज कोपरगांव समाज के सानिध्य में वृहद पैमाने पर आचार्य श्री का 17 वां आचार्य पदारोहण दिवस मनाया जाएगा। आचार्य श्री के सानिध्य में ही दो दिवसीय राष्ट्रीय जैन विद्वत सम्मेलन होगा, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ मनीषी विद्वान धर्म, संत, पंथ एवं समाज आदि विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। डॉ. जैनेंद्र जैन, राजेश जैन दद्दू एवं अतिशय जैन ने उन्हें नमन किया है।
Add Comment