कुंडलपुर में गुरुवार को आचार्य श्री विद्यासागर जी के प्रथम समाधि दिवस पर भक्तामर विधान,आचार्य छत्तीसी विधान सहित पूजन-अर्चन किया गया। यहां पर विराजित श्री विश्रुतसागर जी ने उनका गुणानुवाद किया। कुंडलपुर का वार्षिक माघ मेला 8 फरवरी से 12 फरवरी तक लगाया जा रहा है। पढ़िए कुंडलपुर से राजीव सिंघई की यह खबर…
कुंडलपुर दमोह। सुप्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में समाधि सम्राट संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर विविध धार्मिक कार्यक्रम किए गए। इस अवसर पर प्रातः भक्तामर महामंडल विधान, आचार्य छत्तीसी विधान, बड़े बाबा का अभिषेक, शांतिधारा पूजन हुआ। इस अवसर पर उपाध्याय श्री विश्रुतसागर जी महाराज ने संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रति विन्यांजलि व्यक्त करते उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आत्मा का मरण नहीं होता आचार्य भगवन ने मनुष्य भव को सार्थक किया है। स्वयं तो सार्थक किया है, हजारों लाखों लोगों का कल्याण किया है।
निर्मल साधना कर कठोर तपस्या की
सन् 1976 में यहां बुंदेलखंड में उनका पदार्पण हुआ। उस समय विरले साधु मिलते थे, दर्शन लाभ विरले ही कर पाते थे। कुंडलपुर को उन्होंने अपनी तपस्थली बनाया यहां साधना आराधना की। इस क्षेत्र पर रहकर निर्मल साधना कर कठोर तपस्या की। उनके अथिक परिश्रम उनकी परिकल्पना से यहां बड़े बाबा का विशाल जिनालय तैयार हुआ हजारों सालों के लिए। आचार्य श्री का अपूर्व योगदान रहा अनेक प्रतिभाएं निकाली, जो जिन शासन की धर्म ध्वजा फहरा रहे हैं।
आचार्य श्री की आरती की
बुंदेलखंड के लिए उन्होंने बहुत कुछ दिया। आचार्य विद्यासागर जी जैसे संत अब देखना दुर्लभ रहेंगे। गुरुदेव के उपकारों को जितना कहे कम है। सायंकाल भक्तामर दीप-अर्चना एवं बड़े बाबा की महाआरती और आचार्य श्री की आरती की गई। उपस्थित भक्तजनों ने आचार्य श्री के अनेक संस्मरण सुनाते हुए अपनी भावांजलि व्यक्त की। कुंडलपुर स्थित संयम कीर्ति स्तंभ पर दीपोत्सव किया गया एवं आचार्य श्री की आरती भक्ति की गई।
कुंडलपुर में वार्षिक माघ मेला 8 से 12 फरवरी तक होगा
सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में वार्षिक माघ मेल 8 से 12 फरवरी तक होगा। 8 फरवरी को दोपहर 1बजे से कुंडलपुर न्यास के सामान्य सभा के सदस्यों की वार्षिक आमसभा विद्या भवन कुंडलपुर में की गई है। 12 फरवरी बुधवार को प्रातः भक्तामर विधान, श्री बड़े बाबा जी का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, विधान होगा। दोपहर 3 बजे विमानोत्सव का कार्यक्रम होगा। सायंकाल भक्तामर दीप अर्चना, बड़ेबाबा की संगीतमय महाआरती होगी।
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