इंदौर/रायपुर. राजेश जैन दद्दू। अपने ज्ञान और अपनी आगम अनुकूल चर्या के कारण देशभर में चर्या शिरोमणि के रूप में चर्चित आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य एवं अखिल भारतीय शास्त्री परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्रयांश जैन बडोत के संयोजन में 23 सितंबर से 25 सितंबर तक सन्मति नगर, रायपुर में जैनागम के महत्वपूर्ण ग्रंथ आत्म मीमांसा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई।
इसमें विभिन्न राज्यों से आए 40 जैन विद्वान मनीषियों ने सहभागिता की। गोष्ठी में राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ विद्वान प्रोफेसर डॉक्टर वीर सागर जैन दिल्ली, डॉक्टर श्रयांश जैन बडोत, पंडित अशोक शास्त्री वाराणसी, पंडित वृषभ जैन लखनऊ, पंडित दिनेश जैन रिसाली, श्रीयांश सिंघई जयपुर, उज्ज्वला गोस्वामी औरंगाबाद, पंडित विनोद शास्त्री रजवास और पंडित रमेशचंद बांझल एवं डॉक्टर पंकज जैन इंदौर ने आत्म मीमांसा ग्रंथ में वर्णित ग्रंथ की विषय वस्तु धर्म, दर्शन-अध्यात्म, न्याय और आत्मा के गूढ़ रहस्यों पर अपने आलेखों का वाचन किया एवं परस्पर में विचार-विमर्श कर उत्पन्न जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का समाधान भी किया।
इस अवसर पर स्थानीय समाज जनों के अलावा मुंबई, दिल्ली, जयपुर, भोपाल, भिलाई, दुर्ग, बेतूल, सिवनी सहित इंदौर के डॉक्टर जैनेंद्र जैन, आजाद जैन, प्रोफेसर शांतिलाल बड़जात्या, अशोक खासगी वाला एवं ममता खासगी वाला भी श्रोताओं के रूप में उपस्थित थे। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी, महामंत्री राकेश बाकलीवाल ने अतिथियों का स्वागत किया एवं सभी विद्वानों का माल्यार्पण कर उन्हें स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।