सारांश
अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज दिवस का पारणा दिवस सम्मेदशिखर जी के स्वर्णभद्र कूट पर लगभग 25 मुनि एवं आर्यिकाओं के सानिध्य में हुआ। आचार्य श्री 108 गुणधर नंदी जी मुनिराज का केश लोच अन्तर्मना आचार्य श्री की ओर से आचार्य श्री 108 विशद सागर जी मुनिराज ने किया। कोडरमा के मीडिया प्रभारी जैन राज कुमार अजमेरा की विस्तृत रिपोर्ट….
सम्मेदशिखर जी। उभयमासोपवासी अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज का सिंहनिष्क्रीडित व्रत अब समापन की ओर बढ़ रहा है। इसी के अंतर्गत 23 जनवरी को अन्तर्मना का पारणा दिवस सम्मेदशिखर जी के स्वर्णभद्र कूट पर लगभग 25 मुनि एवं आर्यिकाओं के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। सभी साधु गण ने अन्तर्मना के पारणा की अनुमोदना की। निरन्तरराय आहार बंगाल के भक्तों द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित आचार्य विशद सागर जी और आचार्य गुणधर नंदी जी मुनिराज, मुनि पीयूष सागर जी मुनिराज थे। इस पारणा के पश्चात परमपूज्य आचार्य श्री 108 गुणधर नंदी जी मुनिराज का केश लोच प्रारंभ हुआ। अन्तर्मना आचार्य श्री की ओर से आचार्य श्री 108 विशद सागर जी मुनिराज ने अपने हाथों से आचार्य श्री का केश लोच किया। इस अवसर पर मुनि पीयूष सागर जी ने कहा कि धन्य हैं ऐसे तपस्वी साधक, जो ऐसी कठिन, अकल्पनीय तप साधना के मध्य भी सभी साधुओं के प्रति वात्सल्य भाव रखते हैं।
यह दृश्य देख कर सभी ने सभी आचार्यों का जय-जयकार किया। कोडरमा समाज के सुरेश झांझरी ने कहा कि यह अद्भुत दृश्य साक्षात निर्माण भूमि में देखने को नहीं मिलता है, सभी आचार्यों का वात्सल्य देखकर लोगों में एक अलग भक्ति आ गई। सभी आचार्यों ने वहां बैठे सभी भक्तों को मंगल आशीर्वाद दिया। अन्तर्मना ने भी सभी भक्तों को मौन आशीर्वाद दिया। अन्तर्मना को देखने के लिए कोडरमा से जैन मनीष सेठी, जैन शैलेष सेठी, आकाश जैन, हैदराबाद के जैन मनोज चौधरी, भोपाल से बिट्टू जैन, लालगोला के जैन मनोज छाबडा, धूलियांन के कैलाश जैन, मनोज जैन सहित सैकड़ों की संख्या में भक्त उपस्थित थे।
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