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अहिंसा स्थली में 1008 कलशों से अभिषेक : 24 साल बाद हुआ महामस्तकाभिषेक


अहिंसा स्थली दिल्ली में 24 साल बाद 1008 कलशों से भगवान का महामस्तकाभिषेक हुआ। आयोजन में मुनिश्री प्रणम्यसागर जी के सान्निध्य में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। युवा उद्यमी सुदीप जैन ने भोजन व्यवस्था सहित अहम भूमिका निभाई। पढ़िए मनोज जैन नायक की यह विशेष रिपोर्ट……..


दिल्ली स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थ अहिंसा स्थली में भगवान महावीर जन्म कल्याणक पर्व के अवसर पर 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक का आयोजन पूरे उल्लास और भक्ति भाव से संपन्न हुआ। यह आयोजन करीब 24 वर्षों बाद हुआ, जिससे श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया।

मुनिश्री प्रणम्यसागर जी महाराज का ससंघ सान्निध्य

इस भव्य आयोजन का शुभारंभ मुनिश्री प्रणम्यसागर जी महाराज के ससंघ पावन सान्निध्य में विधान, कलशाभिषेक एवं ध्वजारोहण से हुआ। वे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य हैं। उनके मार्गदर्शन में समस्त धार्मिक कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुए।

हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति

देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक पर्व में भाग लिया। जैन भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा धार्मिक प्रवचनों से वातावरण पूरी तरह धर्ममय बना रहा।

सुदीप जैन का विशेष योगदान

गुरुग्राम निवासी, जैसवाल जैन समाज के युवा उद्यमी सुदीप जैन (मिढ़ेला वाले) ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे प्रतिवर्ष अहिंसा स्थली में सामूहिक भोज की व्यवस्था करते हैं। इस वर्ष भी सभी आगंतुकों के लिए भोजन व्यवस्था उनकी ओर से की गई।

स्यादवाद युवा क्लब का सक्रिय सहयोग

कार्यक्रम को सफल बनाने में स्यादवाद युवा क्लब, दिल्ली की टीम ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया। सभी सदस्यों ने समस्त गतिविधियों में सहभागिता करते हुए आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।

महावीर सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर प्रवचन

इस अवसर पर पूज्य मुनिश्री प्रणम्यसागर जी महाराज ने कहा कि आज के दौर में भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों की अत्यंत आवश्यकता है। यदि हम इन सिद्धांतों को अपनाएं, तो मानव जीवन निश्चय ही सार्थक बन सकता है।

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