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आर्यिका पवित्र मति, गरिमा मति माता जी का दीक्षा दिवस मनाया: सर्वतोभद्र विधान के पात्रों का चयन किया


परम पूज्य आर्यिका पवित्रमति माताजी, गरिमा मति माताजी का दीक्षा दिवस मनाया गया। 4 नवंबर सोमवार को प्रातः 1008 भगवान महावीर समवशरण मंदिर आदिनाथ मंदिर जी नौगामा जिला बांसवाड़ा राजस्थान में माता जी के सानिध्य में विशेष शांति धारा, अभिषेक किया गया। सुरेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट


नौगामा। परम पूज्य आर्यिका पवित्रमति माताजी, गरिमा मति माताजी का दीक्षा दिवस मनाया गया। 4 नवंबर सोमवार को प्रातः 1008 भगवान महावीर समवशरण मंदिर आदिनाथ मंदिर जी नौगामा जिला बांसवाड़ा राजस्थान में माता जी के सानिध्य में विशेष शांति धारा, अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद माताजी का चातुर्मास पंडाल में आगमन हुआ। उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने माता जी की अगवानी की। जैन पाठशाला के छात्रों द्वारा मंगलाचरण किया गया।

मंगलाचरण के पश्चात मंगल प्रवचन में माता जी ने कहा कि गुरु का आशीर्वाद मिला इसलिए आज हम हमारा 25वां दीक्षा दिवस याद कर रहे हैं। आज ही के दिन सम्मेद शिखर तीर्थ पर विज्ञान मति माताजी द्वारा हमें दीक्षित किया गया था एवं साधना के मार्ग पर चलने हेतु आशीर्वाद आज उन गुरुओं को याद करते हुए बड़ी प्रसन्नता होती है कि उनके आशीर्वाद से हम संयम के मार्ग पर चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं। हमारा मन है कि हम समाधि पूर्वक मरण को प्राप्त हों।

इस अवसर पर विधान के पात्र सोधर्म इंद्र सुभाष चंद्र नानावटी, कुबेर इंद्र राजेश पिंडारमियां, दीपक पंचोली, चातुर्मास समिति अध्यक्ष निलेश जैन, उपाध्यक्ष राजेंद्र गांधी, नरेश जैन एवं महिला मंडल द्वारा माताजी को जिनवाणी भेंट की गई। माताजी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया। आज इस अवसर पर आगामी सर्वतो भद्र विधान हेतु पात्रों का बोली के माध्यम से चयन किया गया। आगामी 9 नवंबर से 19 नवंबर तक माताजी के सानिध्य में सर्वतो भद्र विधान का आयोजन किया जा रहा है।

सर्वतो भद्र विधान हेतु पात्रों का हुआ चयन

भरत चक्रवती-नानावटी सुभाषजी पन्नालालजी, सौ धर्म इंद्र-पिंडारमिया मेहुलजी कैलाशजी, कुबेर इंद्र -पिंडारमिया राजेश जी छगनलालजी, महायज्ञ नायक-पचौरी विपुलजी लक्ष्मीलालजी, बाहुबली-पिंडार्मिया नितेशजी मीठालालजी, ईशान इंद्र-पचौरी दीपकजी अमृतलालजी, सनत कुमार इंद्र पंचोरी जैनम भरत जी, महेंद्र इंद्र-पिंडारमिया रमनलालजी सागरमलजी, ध्वजारोहण कर्ता पंचोरी संदीपजी राजेंद्रजी, इंद्र-पंचोरी अतुलजी सुरेशजी, इंद्र-गांधी अजितजी सागरमलजी, इंद्र-पंचोरी कैलाशजी केशरीमलजी मोदी, इंद्र-पंचोरी धनपालजी मोतीलालजी, महामंडलेश्वर-गांधी महेन्द्रजी सागरमलजी,

इन पात्रों का चयन होगा

12 इंद्र देवता, 8 महामंडलेश्वर राजा, 16 मंडलेश्वर राजा, सभी पुण्यर्जको को बहुत बहुत शुभकामनाएं दी गई। विधान में अनिल भैया उदासीन आश्रम इंदौर का सानिध्य मिलेगा।

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