न्यूज़ सौजन्य- राजेश पंचोलिया
श्रीमहावीरजी। प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवति आचार्य श्री शांति सागर जी के तृतीय पट्टाधीश आचार्य श्री धर्म सागर जी से श्रीमहावीरजी में दीक्षित वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी द्वारा 4 अगस्त मुकुट सप्तमी 1008 श्री पार्श्वनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक दिवस पर श्रीमहावीरजी में पहली बार 2 दीक्षाएं दी जाएंगी। अभी तक आचार्य श्री ने 33 वर्ष के आचार्य पद पर रहते हुए 89 दीक्षाएं पूर्व में दी हैं।
गौरतलब एवं अनुकरणीय यह है कि जीवन की नश्वरता को समझकर श्री सुरेश जी ने वर्ष 2015 में किशनगढ़ में क्षुल्लक दीक्षा आचार्य श्री से लेी थी और श्री विशालसागर जी बने। वहीं आपकी गृहस्थ अवस्था की पत्नी ने भी वर्ष 2015 किशनगढ़ में आचार्य श्री से दीक्षा लेकर आर्यिका श्री विचक्षण मति जी बनी। इतिहास पुनः दोहराया जा रहा है। अब क्षुल्लक जी की गृहस्थ अवस्था की माताजी श्रीमती धीसी देवी जी पत्नि स्व. श्री चिरंजी लाल जी ठोलिया उम्र 79 वर्ष एवं सासु जी श्रीमती भगवानी देवी जी पत्नि स्व. जिनेन्द्र जी जयपुरिया सीकर उम्र 74 वर्ष भी श्री महावीर जी में वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से 4 अगस्त 2022 को दीक्षा लेंगी।
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