पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन से भगवान पद्मप्रभु जी की नूतन प्रतिमा का नगर में आगमन हुआ। श्री पद्म प्रभुजी की प्रतिमा अर्पित ललितकुमार अनिक जैन लेकर आए। जैन मंदिर में चल समारोह के रूप में लेकर गए। समाज जनों ने भक्ति आराधना की। धामनोद से पढ़िए यह खबर…
धामनोद। पावागिरी सिद्ध क्षेत्र ऊन से भगवान पद्मप्रभु जी की नूतन प्रतिमा का नगर में आगमन हुआ। श्री पद्म प्रभुजी की प्रतिमा अर्पित ललितकुमार अनिक जैन लेकर आए। यहां मीना दीपक प्रधान के निवास पर से जैन मंदिर में चल समारोह के रूप में लेकर गए। जहां मूर्ति को एक स्थान पर राजकुमार के रूप में विराजित किया गया। पहले श्री जी की जिनवाणी माता की आरती की गई। भक्ति और विनती का कार्यक्रम किया गया। इसमें महिलाएं और पुरुष भी शामिल हुए। सभी ने भाव विभोर होकर भजन गाए। महिलाएं भक्ति करते हुए झूमी और भगवान की भक्ति में डूब गईं।
इन समाजजनों का बहुमान किया
इस अवसर अर्पित जैन, ललित जैन, अनिक जैन, संगीता जैन का बहुमान समाज के पूर्व अध्यक्ष राकेश जैन, पूर्व सचिव अशोक प्रधान, अभिषेक जैन, दीपक प्रधान, सुशीला जैन, ऊषा जैन, प्रमिला जैन, जया जैन, सोनल जैन, विनीता जैन, सीमा नरेंद्र महान ने मोती की माला मुकुट पहनाकर किया।
प्रतिमा खरगोन के नूतन जैन मंदिर में विराजमान होगी
इस दौरान अशोक प्रधान ने कहा कि मंदिर में मूर्ति रखने का भाव होना, यह भाव भी आना पूर्व भव का योग रहता है। जो इस जीवन भाव हुआ। यह पुण्य संचय का कारण है। पूर्व अध्यक्ष राकेश जैन ने इस अवसर पर कहा कि यह धार्मिक कार्य के भाव होना यह धार्मिक संस्कार और हमारे संतों की प्रेरणा ही जीवन के श्रेष्ठ कार्यों में लगाते हैं। यह मानव जीवन की एक पूंजी हो जाती है। प्रतिमा तो रख दी लेकिन, कितने हजारों और लाखों लोगों को दर्शन मिलेंगे। इस अवसर ललित जैन ने कहा कि यह प्रतिमा ऊन के पंचकल्याणक में आचार्यश्री विशुद्ध सागरजी महाराज के सानिध्य विशाल संघ के साथ में प्रतिष्ठा होगी। प्रतिष्ठित होने के बाद खरगोन के नूतन जैन मंदिर में विराजमान होगी। इस अवसर दीपक प्रधान ने आभार माना। धर्म प्रभावना मीना प्रधान ने की।
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